उत्तराखंड

पुलिस कर्मियों का ग्रेड-पे 4600 करना , उक्रांद की जीत

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रुद्रप्रयाग। पुलिस कर्मियों के ग्रेड-पे 4600 किए जाने पर उक्रांद ने खुशी जताते हुए इसे उक्रांद के आंदोलन की जीत बताया। कहा कि यूकेडी के दबाव में सरकार को अपना फैसला पलटना पड़ा। उक्रांद के केन्द्रीय प्रवक्ता देवेन्द्र चमोली ने कहा कि लम्बे समय से उक्रांद पुलिस कर्मियों के परिवार जनों के साथ कर्मियों के ग्रेड-पे समय सीमा में परिवर्तन किए जाने के अन्याय पूर्ण फैसले को लेकर आंदोलनरत था।
आंदोलन को देखते हुए आखिरकार सरकार को पुलिस कर्मियों की न्यायोचित मांग पर झुकना पड़ा। उक्रांद के दबाव में पुलिस कर्मियों की न्यायोचित मांग को मानना पड़ा। चमोली ने कहा कि यूकेडी पुलिस जवानों के ग्रेड पे की मांग को लेकर लम्बे समय से धरना प्रदर्शन कर लगातार पुलिस जवानों की मांग को उठा रही थी। यहां तक की मांग को लेकर पुलिस जवानों के परिवारजनों के साथ धरना प्रदर्शन किया और पूर्व मे तीन दिन का उपवास भी रखा। मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान अप्रैल महीने में यूकेडी के कई नेताओं की गिरफ्तारी हुई। सितंबर महीने में पुलिस जवानों के परिवारों के साथ धरना-प्रदर्शन करते हुए यूकेडी नेताओं को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद उत्तराखंड पुलिस में सिपाहियों की पहली भर्ती 2001 में हुई थी। उस वक्त पदोन्नति के लिए तय समय सीमा 8, 12 व 22 साल थी। जिसके साथ ही उनके ग्रेड-पे बढ़ने का प्रावधान था। 12 साल सेवा के बाद सिपाहियों का ग्रेड पे 4600 होना था, किंतु सरकार ने पुलिस कर्मियों के साथ अन्याय करते हुए इस समय सीमा में बदलाव कर दिया। इससे तय समय सीमा पर पुलिस कर्मी 4600 ग्रेड-पे से वंचित रह गए थे। सरकार के फैसले से उक्रांद व पुलिस कर्मियों के परिवार आंदोलन रत थे और अब, सरकार ने अपना अन्याय पूर्ण फैसला पलटा है।

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