उत्तराखंड

गैरइरादतन हत्या में पोते को दस साल की सजा

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हरिद्वार। संपत्ति बंटवारे के विवाद में दादी के साथ मारपीट और गैर इरादतन हत्या के मामले में प्रथम अपर जिला जज संजीव कुमार की अदालत ने पोते को दस साल के कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
शासकीय अधिवक्ता सुकरमपाल सिंह ने बताया कि 22 मई 2018 की दोपहर में सिडकुल क्षेत्र के गांव रावली महदूद निवासी शिकायतकर्ता संजय सिंह, उसके छोटे भाई धर्म सिंह, बड़े भाई राजबीर सिंह, उसकी पत्नी नरेशो, पुत्र अमित, अमन उर्फ नाथीराम और एक नाबालिग के बीच गाली गलौज और मारपीट हुई थी। उसी दिन शाम छह बजे शिकायतकर्ता, उसके छोटे भाई धर्म सिंह, माता परमी देवी, बड़े भाई राजबीर सिंह और उसके परिवार वालों के बीच दोबारा से मारपीट शुरू हो गई थी। तभी बीच बचाव करने के लिए आई शिकायतकर्ता की माता परमी देवी को आरोपी अमन उर्फ नाथीराम और एक नाबालिग ने लात-घूसों से मारकर छत से नीचे गिरा दिया था। घायलावस्था में परमी देवी को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। जहां उपचार के दौरान माता परमी देवी की मौत हो गई थी।
घटना के दो दिन बाद शिकायतकर्ता संजय सिंह ने अपने बड़े भाई आरोपी राजबीर सिंह, भाभी नरेशो, भतीजे अमित, अमन उर्फ नाथीराम और एक नाबालिग के खिलाफ गाली गलौज, मारपीट व गैर इरादतन हत्या केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपी अमन उर्फ नाथीराम के विरुद्घ मारपीट व गैरइरादतन हत्या की धाराओं में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। जबकि नाबालिग के विरुद्घ किशोर न्याय बोर्ड में चालानी रिपोर्ट भेजी थी। इससे पूर्व स्थानीय पुलिस ने आरोपी अमन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सरकारी अधिवक्ता ने साक्ष्य में आठ गवाह पेश किए।
वहीं, विचारण कोर्ट ने आरोपी अमन उर्फ नाथीराम को मारपीट करने के मामले में छह माह के अतिरिक्त कारावास व पांच सौ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर दोषी को तीन माह का अतिरक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

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