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भारत-मालदीव के बीच ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट हुआ लान्च, भारत ने दी 100 मिलियन अमरीकी डालर की ऋण सहायता

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने मालदीव में ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स लन्च किया और साइबर सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और पुलिस बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में भी समझौते किए।
ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स भारत के 100 मिलियन अमरीकी डालर के अनुदान और 400 मिलियन अमरीकी डालर की लाइन अफ क्रेडिट के तहत बनाई जाएंगी। भारत ने मालदीव में विकास परियोजनाओं के लिए 100 मिलियन अमरीकी डालर की ऋण सहायता भी प्रदान की।
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए सोलिह ने कहा, मालदीव-भारत संबंध कूटनीति से परे है। यह यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध की पुष्टि करती है। दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और पुलिस बुनियादी ढांचे के विकास जैसे क्षेत्रों पर छह दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया। समझौतों के आदान-प्रदान में पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मौजूद रहे।
मालदीव के राष्ट्रपति के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमने मालदीव को 100 मिलियन अमरीकी डालर की अतिरिक्त लाइन अफ क्रेडिट प्रदान करने का भी निर्णय लिया है ताकि सभी परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके।
इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हिंद महासागर की लहरों से बंधी एक साझेदारी, जो करीबी ऐतिहासिक और सांस्तिक संबंधों पर आधारित है। पीएम और मालदीव के राष्ट्रपति ने हमारे द्विपक्षीय में प्रगति की समीक्षा की। संबंधों और विशेष साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
बता दें कि नई दिल्ली में आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा, राष्ट्रपति सोलिह दिल्ली में एक भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ भी चर्चा करेंगे। इस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति सोलिह मुंबई, महाराष्ट्र का भी दौरा करेंगे और व्यापारिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख पड़ोसी देश है और भारत की नेबरहुड फर्स्ट पलिसी में एक विशेष स्थान रखता है। हाल के वर्षों में, साझेदारी ने सहयोग के सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास देखा है।
भारत के लिए मालदीव हमेशा से एक करीबी और महत्वपूर्ण समुद्री पड़ोसी रहा है। महामारी से संबंधित व्यवधानों के बावजूद दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंध मजबूत हुए हैं।
भारत की पड़ोसी पहले नीति और मालदीव की भारत पहले नीति साझा चिंताओं से निपटने और आपसी हितों को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करती है। वहीं, राष्ट्रपति सोलिह ने पिछले दो वर्षों में देश के मामलों में भारत द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका पर प्रकाश डाला। एक राष्ट्रीय संबोधन में, सोलिह ने टीके देने सहित अपने देश को ब्व्टप्क्-19 महामारी से निपटने में मदद करने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया। इस दौरान सोलिह ने कई मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय भागीदारों का उल्लेख किया। हालाँकि, उन्होंने मालदीव के कोविड-19 प्रतिक्रिया प्रयासों में सहायता के लिए नई दिल्ली को चुना।

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