उत्तराखंड

गुरु शिष्य परंपरा सनातन धर्म एवं भारतीय संस्ति की रीढ़ है-श्रीमहंत रघुमुनि

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत रघुमुनि महाराज ने कहा है कि संत महापुरुषों ने प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक विश्व का मार्गदर्शन कर भारत का मान बढ़ाया है और गुरु शिष्य परंपरा सनातन धर्म एवं भारतीय संस्ति की रीढ़ है। जिसकी अनादि काल से धर्म के संरक्षण संवर्धन में अहम भूमिका है। कनखल स्थित हरेराम आश्रम में महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज के पापात्र शिष्य नवनियुक्त स्वामी ष्ण मुनि महाराज के सन्यास दीक्षा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रघुमुनि महाराज ने कहा कि महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए जीवन पर्यंत धर्म एवं संस्ति के प्रचार प्रसार में अपना सहयोग दिया और आज भी धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन कर रहे हैं। आशा है कि उनके पापात्र शिष्य स्वामी ष्ण मुनि महाराज राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करेंगे। मुखिया महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि गुरु शिष्य परंपरा भारत को महान बनाती है। महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने सही अवसर पर निर्णय लेकर अपने पापात्र शिष्य को सन्यास दीक्षा देकर सनातन परंपराओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। जोकि सराहनीय है। हरेराम आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी पर कपिल मुनि महाराज ने कहा कि स्वामी ष्ण मुनि महाराज एक युवा संत हैं। जो संतों के सानिध्य में अनुभव प्राप्त कर आश्रम की परंपरा को अनवरत रूप से आगे बढ़ाते रहेंगे। संतों का जीवन समाज कल्याण के लिए समर्पित रहता है और सुयोग्य शिष्य के भविष्य का निर्माण करना ही एक गुरु का दायित्व है। स्वामी ष्ण मुनि महाराज ने कहा कि गुरुदेव महामण्डलेश्वर स्वामी कपिलमुनि महाराज के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए उनके द्वारा स्थापित सेवा परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। गुरूदेव की शिक्षाओं के अनुरूप संतों की सेवा करना ही उनके जीवन का मूल उद्देश्य होगा। इस अवसर पर श्रीमहंत अद्वैतानंद, महंत दामोदर दास, महंत गंगादास, महंत रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी संतोषानंद, महंत रंगनाथ, महंत दामोदर शरण दास, महंत श्यामदास, महंत राम सागर मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी वेदानंद, महंत प्रेमदास, महंत केशव मुनि, स्वामी परमेश्वर मुनि, महंत उमेश मुनि, महंत गोविंद दास, साध्वी प्रभा मुनि, विजय देवी, डा़प्रेमचंद शास्त्री, डा.जितेंद्र, निलंबर, अनीता सिंह सहित कई संत महापुरुष एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!