उत्तराखंड

केदारनाथ पैदल मार्ग पर बंद किया जाए घोड़ा खच्चर संचालकों का उत्पीड़न

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रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। सेंटर अफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर संचालित हो रहे घोड़ा-खच्चर संचालकों के विरुद्घ दर्ज किए जा रहे मुकदमों पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने इस कार्य में लगी स्वयं सेवी संस्थाओं पर घोड़ा-खच्चर स्वामियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। सीटू के जिला महामंत्री वीरेंद्र गोस्वामी ने कहा कि वह स्वयं गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग का भ्रमण कर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग जानलेवा होने के चलते कई घोड़े-खच्चर जगह-जगह पर फिसलकर चोटिल हो रहे है। जिससे घोड़े-खच्चर स्वामी, हकरों व देश विदेश से धाम के दर्शनों को पहुंचे श्रद्घालुओं को आए दिन खासा नुकसान हो रहा है। मगर दूसरी ओर स्वयंसेवी संस्थाएं जमीनी हकीकत समझे बिना ही घोड़े-खच्चर स्वामियों के विरुद्घ पशु क्रुरता के नाम पर आए दिए घोड़े खच्चरों को सीज कर उनके विरुद्घ पशु क्रुरता अधिनियम के मुकदमों में उलझाया जा रहा है। जिससे घोड़े-खच्चर स्वामियों को भारी आर्थिक एवं मानसिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। कहा कि इस संबंध में बीते 6 अक्तूबर को मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया है। जिसमें पशु क्रूरता के नाम पर घोड़ा-खच्चर संचालकों के खिलाफ उत्पीड़न पर रोक लगाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि घोड़ा खच्चर संचालकों से सिर्फ सुविधा शुल्क लिया जा रहा है। जबकि सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है।

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