भर्ती एजेंसियों के ढांचे में परिवर्तन की जरूरत : हरीश रावत
हल्द्वानी। पूर्व सीएम हरीश रावत ने यूकेपीएससी में लगातार पेपर लीक के मामले सामने आने को गंभीर करार दिया है। उन्होंने आयोगों में बड़े पदों पर नियुक्तियों में सावधानियां बरतने की बात कही है। रावत ने आयोगों में अध्यक्ष की तर्ज पर ही अन्य पदों में भर्ती की मांग उठाते हुए भर्ती एजेंसियों के ढांचे में परिवर्तन की जरूरत बताई है। सोशल मीडिया में पूर्व सीएम हरीश रावत ने लिखा है कि ‘पहले अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, फिर पब्लिक सर्विस कमीशन। वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में बड़े पदों पर नियुक्ति के वक्त सावधानियां क्यों नहीं बरती। लोगों का पिछला ट्रैक रिकर्ड देखा और उन्हें नियुक्त कर दिया, और फिर एक बड़ा घोटाला सामने आया। जिसमें सीधे अध्यक्ष की संलिप्तता बनी। दोनों भर्ती संस्थानों के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है। सदस्यों के लिए भी उच्चतम योग्यता मापदंड जो चेयरमैन की नियुक्ति के लिए होना चाहिए, वही आवश्यक है। परीक्षा नियंत्रक से लेकर दूसरे सभी पदों पर बैठे हुए लोगों का मूल्यांकन समय-समय पर करते रहना भी जरूरी है। पूर्व सीएम ने लिखा है कि वे लोक सेवा आयोग में किसी पद पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। इतनी बड़ी कारगुजारियां नाक के नीचे हो रही थी, सेक्शन अफिसर उसमें लिप्त पाए गए हैं और परीक्षा नियंत्रक व आयोग के सदस्यों को भनक भी नहीं लगी। ऐसे में हमारे ऊपर दायित्व है कि हम अपने बच्चों को परीक्षा में बैठने से पहले आश्वस्त करें कि केवल योग्यता के आधार पर ही उनकी नियुक्ति होगी। एक उच्च क्षमतावान, 1-2 विजिलेंस अफिसर्स की नियुक्ति भी आयोगों के अंदर होनी चाहिए। ताकि संदिग्ध स्थिति दिखाई देने पर कार्रवाई हो सके। तकनीक के सहारे आयोग से जुड़े प्रत्येक हुए व्यक्ति की निगरानी करनी चाहिए।