उत्तराखंड

अधिवक्ताओं के स्टाइफंड पर सुनवाई 28 सितंबर को

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नैनीताल। हाईकोर्ट ने प्रदेश के जूनियर अधिवक्ताओं को स्टाइफंड दिलाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तिथि नियत की है। मामले में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत व शक्ति प्रताप सिंह ने मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में मामले को शीघ्र सुनवाई के लिए मेंशन किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जूनियर अधिवक्ताओं को स्टाइफंड को लेकर पूर्व में जनहित याचिका दायर हुई थी। जिसमें बार काउंसिल का जवाब आ गया है। परन्तु उसमें सुनवाई की तिथि नियत नहीं है। जिस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए तिथि नियत की है। मामले के अनुसार बार के पूर्व महासचिव अधिवक्ता कमलेश तिवारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वह जूनियर अधिवक्ता जिनकी वकालत पांच साल से कम है। उन्हें स्टाइफंड दिलाया जाए। क्योंकि वकालत के शुरुआती दौर में जूनियर अधिवक्ताओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए उनके लिए स्टाइफंड की व्यवस्था की जानी चाहिए। जनहित याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश अधिवक्ता वेलफेयर एक्ट में यह प्रावधान है कि जिन अधिवक्ताओं की वकालत 5 साल से कम है। उन्हें स्टाइफंड देने का प्रावधान है। कई राज्यों ने अधिवक्ताओं के लिए वेलफेयर फंड की व्यवस्था की है। जिनमें केरल व पुदुचेरी मुख्य है। जनहित याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि अधिवक्ताओं के लिए अधिवक्ता वेलफेयर फंड की व्यवस्था की जाए।

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