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हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती तो लोग खुद तोड़ने लगे अतिक्रमण

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-हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम कोटद्वार ने दिया है तीन दिन का समय
-तीन दिन बाद नगर निगम कर सकता है अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : 18 नवंबर 2020 को उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही नगर निगम की नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए थे। न्यायालय के आदेश के बाद नगर निगम ने अतिक्रमण चिह्नीकरण का कार्य शुरू कर दिया था। हालांकि अभी तक इन अतिक्रमणों को पूरी तरह से नहीं हटाया जा सका है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद निगम ने जरूर अतिक्रमणकारियों को तीन दिन के भीतर खुद ही अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी है। जिसका असर दिखने लगा है और लोग खुद ही अतिक्रमण को तोड़ने लगे हैं।
बुधवार को बदरीनाथ मार्ग पर पीएनबी बैंक के पास लोग खुद ही अतिक्रमण को तोड़ते हुए नजर आए। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही अन्य लोग भी अतिक्रमण हटाना शुरू कर देंगे। बता दें कि निगम की ओर से नजीबाबाद चौक से मालवीय उद्यान तक 137 अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे। उच्च न्यायालय की ओर से जारी निर्देशों के बाद नगर निगम ने दिसंबर 2020 में नगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की। नगर निगम की कार्रवाई के विरोध में कुछ भवन स्वामी उच्चतम न्यायालय पहुंच गए। व्यापारियों का तर्क था कि उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका में भवन स्वामियों का पक्ष सुने बिना निर्णय दे दिया। उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय को दूसरा पक्ष सुनने के निर्देश दिए। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने नगर निगम को भवन स्वामियों का पक्ष सुनने को कहा।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर नगर निगम ने भवन स्वामियों को आपत्तियां दर्ज करने के निर्देश दिए। नगर निगम में 79 भवन स्वामियों ने आपत्तियां दर्ज की। जिन पर नगर निगम प्रशासन ने सुनवाई की। सुनवाई पूर्ण होने के बाद नगर निगम प्रशासन ने 43 भवन स्वामियों के भवनों को अतिक्रमण की जद में पाया है। पूर्व में नगर निगम प्रशासन ने अप्रैल पहले सप्ताह से उक्त अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी की थी, लेकिन फिर अतिक्रमणकारियों को कुछ समय देते हुए इस अभियान को 12 अप्रैल से चलाने पर विचार किया गया। अब निगम ने एक बार फिर समय बढ़ाया है और अतिक्रमणकारियों को तीन दिन के भीतर खुद ही अतिक्रमण तोड़ने को कहा है।

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