हाईकोर्ट ने पूछा, सरकार बताए, रिजर्व फरेस्ट की भूमि से अतिक्रमण हटाया या नहीं
नैनीताल। हाईकोर्ट ने सोमवार को स्वामी चिदानंद मुनि द्वारा ऋषिकेश में रिजर्व फरेस्ट की वीरपुरखुर्द वीरभद्र के निकट 35 बीघा जमीन पर अतिक्रमण करने और उस पर निर्माण कार्य किये जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार से यह बताने को कहा है कि चिदानंद मुनि द्वारा किया गया अतिक्रमण अब तक हटाया गया या नहीं। मामले की सुनवाई कार्यवाहक न्यायाधीश न्यायमूर्ति रविकुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। इससे पहले स्वामी चिदानंद मुनि की ओर से अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत वाद की पैरवी करने वाले अधिवक्ता विकास सिंह ने पैरवी की। विकास ने कहा कि हाईकोर्ट में उनके द्वारा दायर शपथपत्र को सुना जाए, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के लिए दो नवंबर की तिथि नियत कर दी।
हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला की ओर से मामले में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें कहा है किाषिकेश के निकट वीरपुरखुर्द वीरभद्र में स्वामी चिदानंद मुनि ने रिजर्व फरेस्ट की 35 बीघा भूमि पर कब्जा कर वहां पर 52 कमरे, एक बड़ा हाल और गोशाला का निर्माण कर लिया है। चिदानंद के रसूखदारों से संबंध होने के कारण वन विभाग व राजस्व विभाग द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही हैं। कई बार प्रशासन व वन विभाग को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन वहां की गतिविधियों पर रोक नहीं लगी है। इस कारण उन्हें हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करनी पड़ी। याचिकाकर्ता ने उक्त भूमि से अतिक्रमण हटाकर यह भूमि सरकार को सौंपे जाने की मांग की है।