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हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने की आवश्यकता

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बागेश्वर। साहित्य भारती की जिला इकाई की यहां संपन्न बैठक में हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने की आवश्यकता जताई। कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलेगा तो देश को विशेष सम्मान मिलेगा। भारती की जिला व प्रदेश इकाई की ऑनलाइन परिचयात्मक बैठक का शुभारंभ दीप चंद्र पांडे ने सरस्वती वंदना के साथ किया तथा रेणुका मेहरा ने मातृ वंदना प्रस्तुत की। जिलाध्यक्ष डा गोपाल कृष्ण जोशी ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि हिंदी भाषा के संरक्षण व संवर्धन हेतु दिल से कार्य करने की आवश्यकता है, जिस प्रकार बच्चे के विकास में मां के दूध की आवश्यकता है उसी प्रकार भारत के अस्तितव बचाने में हिंदी का महत्व है। केंद्रीय महामंत्री डॉ. अनिल शर्मा ने हिंदी साहित्य भारती के इतिहास व उददेश्यों की जानकारी दी। कहा कि हिंदी साहित्य भारती अंतर्राष्टीय स्तर पर कार्य कर रही है और कई देशों में इसका गठन करके कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने मई माह में हरिद्वार सम्मेलन की जानकारी देते हुए सम्मेलन में प्रतिभाग की अपील की। कहा कि प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्रपति को पत्राचार करके हिंदी को राष्ट भाषा का दर्जा दिलाने के लिए प्रयास करे। इस दौरान डा राजीव जोशी, डॉ. हरीश दफौटी, डा केएन कांडपाल, डा केएस रावत, डॉ. जितेंद्र तिवारी, डॉ. पिंकी पांडे, मोहन चंद जोशी, कमला गोस्वामी ,हेमंत कुमार, मनोज खोलिया, केपी चंदोला, केशवानंद जोशी, कैलाश अंडोला आदि उपस्थित थे। समापन मंत्र उच्चारण के साथ किया गया।

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