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होली में कोरोना का साया, सजा बाजार, खरीदारों का इंतजार

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
इस बार भी होली में कोरोना का साया रहेगा। पिछले साल कोरोना संक्रमण के खौफ की वजह से होली पर्व फीका रहा था। देश में एक बार फिर कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। कोटद्वार में रंग व पिचकारी का बाजार सज तो गया है, लेकिन ग्राहक बहुत ही कम नजर आ रहे है।

रंगों के त्योहार होली में एक दिन बचा है, लेकिन बाजार में रौनक बिल्कुल भी नहीं है। पहले होली से सप्ताहभर पहले ही रंग व पिचकारी की दुकानें सड़क किनारे लग जाती थी। परंतु इस बार ऐसा नहीं हुआ है। कोरोना वायरस का असर होली पर भी देखा जा रहा है। बाजार में पिछले वर्ष की तुलना में बहुत ही कम दुकानें लगी है। जो दुकानें लगी भी है उनमें खरीदार बहुत ही कम नजर आ रहे है। दुकानदारों का कहना है कि यदि होली के दिन भी यही हाल रहा तो काफी नुकसान झेलना पड़ेगा। होली को लेकर सजे बाजार में चाइनीज पिचकारी का नया वर्जन नहीं आ सका है। गुजरे साल की पिचकारी के खरीदार भी नहीं मिल पा रहे। व्यापारी विकास का कहना है कि इस बार चाइनीज पिचकारियां, रंग नहीं आये है। उन्होंने कहा कि इस बार स्वदेशी पिचकारियां और रंगों को बेच रहे है। 30 से लेकर 600 रूपये तक की पिचकारी उनके पास उपलब्ध है, लेकिन व्यापार पिछले वर्ष की तुलना में काफी घटा है। उन्होंने बताया कि बच्चे रंगवाले गुब्बारे से लेकर स्प्रे, जैल जैसी चीजों का इस्तेमाल करते है, इसलिए दुकान में उनकी पसंद का ध्यान रखा गया है। हर्बल गुलाल तीस रूपए से दो सौ रूपए तक, गुब्बारा दस रूपए से पचास रूपए तक, इसी प्रकार रंग दस रूपए से दो सौ रूपए तक, टोपी बीस रूपए से पचास रूपए तक उपलब्ध है। हरा, नीला, पीला, लाल, गुलाबी, बैंगनी सहित कई रंगों में हर्बल गुलाल ही लोगों की पहली पसंद है, इसमें किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। लोगों का मानना है कि केमिकलमुक्त गुलाल का त्वचा पर ज्यादा असर नहीं होता है इस बार मैजिकल गुलाल भी बाजार में मौजूद है जो चेहरे पर लगाने के थोड़ी देर बाद ही गायब हो जाता है और नुकसान नहीं होता है।

बाजार से चीन की पिचकारी व रंग गायब

विश्वभर में कोरोना वायरस फैलने के बाद रंगों व पिचकारी पर भी असर पड़ा है। चीन से जो रंग व पिचकारी आयात होती थी उसमें अब बहुत कमी आ गई है। यही वजह है कि इस बार भी बाजार में चीन में बनी पिचकारी व रंग नाममात्र दिखाई दे रहे हैं। चीन से कम सामान आने के कारण मेड इन इंडिया पिचकारी व रंगों की भरमार देखने को मिल रही है। इस बार बच्चों के लिए डोरिमोन, बैनटेन, बटर फ्लाई बच्चों को खूब भा रहे हैं। ये पिचकारियां करीब 30 रुपये से लेकर 500 रुपये तक में उपलब्ध हैं। गुलाल, सैंटेड गुलाल भी ग्राहकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रहे हैं। दुकानदारों के अनुसार इस बार ग्राहक पक्के रंग से दूरी बना रहे हैं।

कई जगहों पर होगा होलिका दहन
होली खेलने के साथ-साथ होलिका दहन की भी तैयारी हो रही है। कोटद्वार में झंडाचौक, गाड़ीघाट, काशीरामपुर तल्ला सहित अन्य स्थानों पर होलिका दहन होगा। झंडाचौक पर हर साल हजारों लोग होलिका पूजन करते हैं। इसके बाद शाम को शुभ मुहुर्त पर होलिका दहन किया जाता है। इसके अलावा भाबर क्षेत्र के अन्य जगहों पर भी होलिका दहन होगा।

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