उत्तराखंड

विकट परिस्थितियों में विज्ञान की शरण में आता है मनुष्यरू प्रो़ रणधीर

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हरिद्वार। जीवन में सरलता एवं सहजता तभी हासिल होती है जब मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती रहे। विकट परिस्थितियों में राह तलाशने के लिए मनुष्य को विज्ञान की शरण में जाना ही पडता है। इसका एक उदाहरण कोविड महामारी भी है। गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय में विज्ञान संकाय के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो़ रणधीर कौशिक ने विवि के विभिन्न संकायों के शिक्षकों के साथ एक साझा-संवाद कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि विज्ञान की बारीकियों एवं चुनौतियों पर आज खुले मंच पर चर्चा और स्वस्थ परम्परा की पहल करना आवश्यक होता जा रहा है। जिसके लिए विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रही शिक्षण संस्थओं एवं संगठनों के बीच तारत्मय आवश्यक है। यह संतुलन ही भावी पीढ़ी में विज्ञान की जटिलताओं को सरल स्वरूप में परिवर्तित कर सकने में कामयाब हो सकेगा। संवाद कार्यक्रम में प्रो़ एलपी पुरोहित, प्रो़ प्रभात कुमार, ड़ाषि कुमार शुक्ला, ड़ संजीव कुमार लाम्बा, ड़ मनीला, ड़ विपिन कुमार, ड. जसपाल सिंह, ड़ शिवकुमार चौहान, ड़ अजय मलिक, ड़ अजेन्द्र कुमार मौजूद रहे।

 

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