उत्तराखंड

कुष्ठ रोगियों के मामले में डीजी हेल्थ कोर्ट में पेश होंगे

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नैनीताल। हाईकोर्ट में हरिद्वार में कुष्ठ आश्रम के पक्के आवासों को तोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेशों का पालन न करने पर मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने डीजी हेल्थ को छह जून को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने समाज कल्याण अधिकारियों से छह जून तक कुष्ठ रोगियों के बनाए जाने वाले शेल्टर होम की डीपीआर प्रस्तुत करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने छह जून की तिथि नियत की है। मामले के अनुसार देहरादून की एक्ट नाव वेलफेयर सोसायटी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया कि 17 नवंबर 2018 को राष्ट्रपति के हरिद्वार आगमन पर गंगा माता कुष्ठ रोगियों के पक्के आवासों को प्रशासन ने तोड़ दिया था। उनके लिए ये पक्के आवास इंग्लैंड की एसएनजे ट्रस्ट ने 20 लाख रुपये खर्च कर बनाए थे। इसके बाद ये कुष्ठ रोगी झोपडियां बनाकर रहने को मजबूर हैं। सरकार ने अभी तक इनकी रहने की व्यव्स्था नहीं की है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कुष्ठ रोगी समाज के निचले स्तर से तालुक रखते हैं। उनकी इस समस्या को कोर्ट प्राथमिकता से सुनवाई करेगी।

 

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