कोटद्वार-पौड़ी

पौड़ी गढ़वाल के ग्रामीण क्षेत्र रिखणीखाल बाजार में भी चोर हुए सक्रिय, चार दुकानों के तोड़े ताले उड़ाई नगदी

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
जनपद पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल बाजार में चोरों ने चार दुकानों के ताले तोड़कर नकदी पर हाथ साफ कर लिया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बाजार में चोरी की घटनाएं बढ़ने से स्थानीय दुकानदारों में दहशत बनी हुई हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही चोरों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया जाएगा। स्थानीय लोगों के अनुसार 20 वर्ष बाद क्षेत्र में चोरों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार चोरों ने विगत 22 जून की रात को रिखणीखाल बाजार में चार दुकानों के ताले तोड़े। सुभाष मैंदोला, वीरेंद्र भारद्वाज, महाराज सिंह व दलवीर सिंह रावत खिमाखेत की दुकान का ताला तोड़कर चोर गल्ले में रखी नगदी ले गये। घटना की सूचना दुकान स्वामियों ने रिखणीखाल थाना पुलिस को दी है। पुलिस ने मौका मुआयना कर जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि 1 वर्ष पूर्व बएला तल्ला के मंदिर में दानपेटी की लूट हुई थी, आज तक चोर पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। बीते 2 वर्ष पूर्व केशर सिंह रावत छड़ियाणी के घर 6 लाख की लूट का आजतक कोई सुराग नहीं मिला है। बीते दिनों बड़खेत के 2 गोशालाओं से बकरी चोरी होने की खबरें मिली हैं। इस तरह की घटनाओं से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ हैं। कोटड़ीसैंण में देवेश आदमी के ज्ञान दीप पुस्तकालय का भी विगत महीने चोरों द्वारा ताला तोड़ने की कोशिश की। पूर्व में हुई चोरी की घटनाओं का पुलिस खुलासा नहीं कर पाई। इसलिए चोरों के हौंसले बुलंद है। शायद प्रशासन को किसी बड़ी वारदात का इंतजार है।
आम आदमी पार्टी रिखणीखाल के ब्लॉक अध्यक्ष विपिन चौहान ने चोरी की घटनाओं पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि रिखणीखाल में व्यापारियों की कोई नहीं सुनता। उन्होेंने कहा कि यदि जल्द से जल्द चोरों को नहीं पकड़ा गया तो पार्टी कार्यकर्ता जल्द धरना प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार करेंगे। चोर स्थानीय हैं या बाहरी यह बताना अभी मुश्किल हैं, किंतु तोड़फोड़ व लूट से मालूम होता हैं चोरी की वारदात स्थानीय व्यक्ति ने ही अंजाम दिया है। करोना काल में लगातार चोरो की घटनाएं बढ़ने को लोग बेरोजगारी को मुख्य वजह मान रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस शाम को गश्त करने नहीं जाती है जिस कारण अपराधियों के हौसले बुलंद है।

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