बिग ब्रेकिंग

टोक्यो में चारों देशों के प्रमुखों ने चीन को दिया कड़ा संदेश

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

हिंद प्रशांत क्षेत्र में नहीं चलेगा ताकत का जोर

नई दिल्ली, एजेंसी। हिंद प्रशांत क्षेत्र में ताकत के बलबूते अपना विस्तार करने में जुटे चीन को क्वाड संगठन ने अभी तक का सबसे बड़ा संदेश दिया है। संदेश साफ है कि चीन जिस तरह से इस पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने की कोशिश में जुटा है उसके खिलाफ वैश्विक मंच पर एक साझा रणनीति तैयार होने लगी है। टोक्यो में मंगलवार को क्वाड के चारों देशों के शीर्ष नेताओं पीएम नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और आस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित पीएम एंथोनी एल्बनिजि की शिखर बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में ना सिर्फ चीन पर सीधे तौर पर निशाना लगाया गया है बल्कि उसके मित्र राष्ट्रों जैसे म्यांमार और पाकिस्तान की सरकारों के लिए भी चुभती हुई टिप्पणियां की गई हैं। पीएम मोदी ने जहां इस संगठन को एक सकारात्मक ताकत बताया है तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे मजाक में नहीं लेने की सलाह देते हुए कहा है कि क्वाड अपने उद्देश्यों को लेकर बेहद गंभीर है। क्षेत्र के देशों को चीनी कर्ज के जाल से उबारने की रणनीति बनाई गई है और पांच वर्षो में पूरे क्षेत्र में ढांचागत विकास के लिए 50 अरब डालर (लगभग 3़5 लाख करोड़ रुपये) की मदद की घोषणा की गई है। अगली क्वाड शिखर बैठक अगले साल आस्ट्रेलिया में होगी।
भारत के लिए एक अच्छी बात यह रही है कि क्वाड के एजेंडे में आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से शामिल होता दिख रहा है। क्वाड शिखर सम्मेलन में पहली बार मुंबई व पठानकोट आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की गई है और आतंकवाद को पनाह देने को लेकर परोक्ष तौर पर पाकिस्तान पर निशाना साधा गया है। इसमें किसी भी सूरत में आतंकवादी गतिविधियों को न्यायसंगत नहीं ठहराने की बात कही गई है और हर तरह के आतंकवाद व हिंसक अतिवाद की निंदा की गई है। आतंकियों की मदद करने वालों और दूसरे देशों में आतंकी हमलों के लिए किसी भी तरह की सैन्य, आर्थिक या दूसरी मदद देने की गतिविधियों की निंदा की गई है। साथ ही अफगानिस्तान की जमीन का किसी भी तरह के आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है।
क्वाड देशों ने कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से घोषित आतंकियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में एक दूसरे की मदद करेंगे। आतंकवाद को लेकर उक्त सभी घोषणाओं के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं।
चीन के एक दूसरे सहयोगी देश म्यांमार के सैनिक तानाशाही को भी क्वाड ने निशाने पर लिया है और वहां लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को जल्द शुरू करने की अपील की है।
क्वाड सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस समूह ने बहुत ही कम समय में विश्व पटल पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। आज क्वाड का स्कोप व्यापक हो गया है और स्वरूप भी प्रभावी हो गया है। हमारा आपसी विश्वास, प्रतिबद्घता लोकतांत्रिक शक्तियों को नई ऊर्जा दे रही है। हमारे आपसी सहयोग से एक मुक्त, खुला और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल रहा है। इससे पूरे क्षेत्र में शांति, समृद्घि व स्थिरता सुनिश्चित हो रही है और क्वाड एक रचनात्मक उद्देश्य से आगे बढ़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!