22 नवंबर को जी-20 बैठक की डिजिटल तरीके से मेजबानी करेगा भारत, इन मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद
नई दिल्ली, एजेंसी। सितंबर में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के अंत में भारत ने घोषणा की थी कि वह अपनी अध्यक्षता की समाप्ति से पहले समूह के नेताओं की एक डिजिटल बैठक आयोजित करेगा।
भारत पहले ही डिजिटल शिखर सम्मेलन के लिए जी-200 के सदस्य देशों के नेताओं को निमंत्रण भेज चुका है। माना जा रहा है कि भारत समूह के लिए अपने विकास एजेंडे पर फोकस करेगा जिसमें वैश्विक दक्षिण या विकासशील देशों के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। शिखर सम्मेलन के अंत में कोई साझा परिणाम दस्तावेज जारी नहीं होगा।राजनयिक सूत्रों ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और इस्राइल-हमास संघर्ष पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। हालांकि, भारत द्वारा डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, जलवायु वित्त और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों में पहल सहित अपने विकास एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत वैश्विक दक्षिण या विकासशील देशों, खासतौर पर अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को उठाते हुए खुद को एक अग्रणी आवाज के रूप में स्थापित कर रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (आईआईसीसी) में जी-20 देशों के दूतों की मेजबानी की। आईआईसीसी को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर के रूप में भी जाना जाता है। इस दौरान उन्होंने समूह की भारत की अध्यक्षता के लिए जी-20 के सदस्य देशों को उनके पूरे दिल से समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। जयशंकर ने एक्स पर लिखा, आज यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर मेंजी-20 सदस्यों, अतिथि देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के राजदूतों की मेजबानी करके प्रसन्नता हो रही है। हमारी अध्यक्षता के दौरान पूरे दिल से समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, हमारी जी-20 अध्यक्षता की तरह यह अत्याधुनिक सम्मेलन और एक्सपो सेंटर भारत की क्षमताओं को दिखाता है। मुझे भरोसा है कि यह आने वाले समय में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए एक शानदार स्थल होगा।