भारत के रैंडम आरटी-पीसीआर टेस्ट के फैसले से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में दुविधा की स्थिति
वाशिंगटन/बीजिंग। भारत के विदेशों से आने वाले लोगों के संक्षिप्त स्तर पर आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के फैसले ने यात्रियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। प्रवासी भारतीय समुदाय का मानना है कि इससे अधिकतर पर्यटकों की योजना पर विपरीत असर पड़ेगा।
चीन के साथ ही कुछ अन्य देशों में बढ़ते कोविड मामलों के कारण भारत सरकार ने शनिवार से कोविड रोधी उपायों में तेजी लाई है। अब चीन, जापान, उत्तर कोरिया, सिंगापुर और थाइलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। घटते मामलों और टीकाकरण की व्यापकता के कारण नवंबर में भारत ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी।
शनिवार से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, इंदौर और गोवा जैसे हवाई अड्डों पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की रेंडम कोरोना वायरस टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। नए निर्देशों के अनुसार, अब प्रत्येक अंतररराष्ट्रीय फ्लाइट में से दो प्रतिशत यात्रियों का टेस्ट किया जाना आवश्यक है।
प्रवासी भारतीय दिवस के सिलसिले में 4 जनवरी को इंदौर और अमेरिकन एसोसिएशन और फिजीशियन अफ इंडियन ओरिजिन की ग्लोबल हेल्थ केयर समिट के लिए हैदराबाद आ रहे अमेरिका में कार्यरत डाक्टर संपत शिवांगी कहते हैं, श्चीन में कोविड मामलों और मौतों की विस्फोटक स्थिति के कारण भारत पूरी सक्रियता के साथ कोविड की स्थितियों पर नजर रखे हुए है। ये स्वाभाविक बात है क्योंकि चीन भारत का सबसे नजदीकी पड़ोसी है।श्
फेडरेशन और इंडियन एसोसिएशन छल्छश्रब्ज् – छम् के अध्यक्ष अंकुर वैद्य कहते हैं, श्भारत का सावधानी के तौर पर सुरक्षात्मक कदम उठाना सराहनीय है। हालांकि आने वाले प्रवासी भारतीय दिवस के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा किए गए व्यापक प्रयासों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। इस कार्यक्रम के लिए भारत आने वाले लोगों में दुविधा की स्थिति है।
बिहार फाउंडेशन यूएसए के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा ये अच्छी बात है कि भारत सरकार ने चीन की स्थितियों को देखते हुए सुरक्षात्मक उपाय अपनाना शुरू कर दिया है लेकिन उन्हें उन पर्यटकों को भ्रम की स्थिति से बाहर निकलने में मदद करने के लिए विशेष टीम बनानी चाहिए जो प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने भारत आ रहे हैं।
चीन में खराब होती कोविड स्थितियों को देखते हुए चीन में रहने वाले बहुत से भारतीयों ने नए साल में भारत आने की योजना नहीं बनाई है। चीन की सरकार ने टेस्ट की सुविधा देने से इनकार कर दिया है, इसलिए भी वहां से टेस्ट रिपोर्ट लेकर भारत आना संभव नहीं है।