कोटद्वार-पौड़ी

जड़ी बूटी दिवस के रूप में मनाया आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिवस

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। महर्षि कण्व योग समिति के तत्वाधान में आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिवस जड़ी बूटी दिवस के रूप में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर गिलोय का वितरण किया गया। वहीं समिति के अध्यक्ष नीरज नेगी, भारती रावत ने राजकीय बेस अस्पताल के ब्लड़ बैंक में स्वेच्छा से रक्तदान किया।
समिति के अध्यक्ष नीरज नेगी ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण के जन्म दिवस के अवसर पर समिति द्वारा स्थापित विभिन्न योग प्रशिक्षण केन्द्रों में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए हवन यज्ञ किया गया। उन्होंने कहा कि आचार्य बालकृष्ण का जन्म दिवस 4 अगस्त को जड़ी बूटी दिवस के रूप में मनाया जाता है।  इस मौके पर गिलोय का भारी मात्रा में वितरण किया गया। साथ ही सर्वाजनिक स्थानों में पौधारोपण किया गया। उन्होंने कहा कि लोग अंग्रेजी दवाईयों से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूक हो रहे है और भारतीय प्राचीन चिकित्सा प्रणाली योग और आयुर्वेद की ओर लौट रहे है। इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह बिष्ट, सचिन किरन तिवारी, सुनीता रावत, देवेन्द्र ध्यानी, राधा सजवाण, अजय कंडवाल, अनूप नैथानी, किरन गौड़, अनीता रावत, सुनीता नेगी, कांति बिष्ट, रूचि कंडवाल, संगीता बुड़ाकोटी आदि मौजूद थे।

आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिवस पर वितरित किये औषधीय पौधे
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन पर भारत स्वाभिमान न्यास कोटद्वार ने मालवीय उद्यान में जड़ी-बूटी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस मौके पर गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ, निर्गुडी, ऐलोवेरा, तुलसी, आंवला, माल्टा, नींबू, जामुन प्रजाति के 3500 पौधे वितरित किये गये।
कार्यक्रम का शुभारंभ राज्य कार्यकारिणी सदस्य अमित सजवाण ने किया। श्री सजवाण ने बताया कि आयुर्वेद उपचार पद्धिति मानव शरीर के लिए सबसे बेहतर पद्धति है, क्योंकि इसके द्वारा रोग का संपूर्ण इलाज रोग को जड़ से खत्म करके किया जाता है और इसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं है। हम जितना आयुर्वेद और प्रकृति के नजदीक रहेंगे उतना ही स्वयं को स्वस्थ रख पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें अपने घर के आस-पास औषधीय पेड़ पौधे अवश्य लगाने चाहिए। इन पौधों के बारे में जानकारी रखते हुए उनका उपयोग भी करना चाहिए। हर औषधीय पादप में कई प्रकार के गुण होते हैं। वरिष्ठ योग शिक्षिका श्रीमती उषा असवाल ने आयुर्वेदिक पौधों की जानकारी दी। उन्होंने रोग अनुसार गिलोय के उपयोग की विधि बताई। इस अवसर पर जिला प्रभारी विजय नौटियाल, दिनेश जुयाल, महेश, आनन्द कंडवाल, राखी नौटियाल, रश्मि केडियाल, रवि नेगी, जितेन्द्र काला, सचिन माहेश्वरी आदि लोग उपस्थित रहे।

 मालवीय उद्यान में गिलोय, अश्वगंध सहित जड़ी बूटी के पौधे वितरित करते हुए।

हवन यज्ञ कर मनाया आचार्य बाल कृष्ण का जन्मदिवस
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। वर्तमान युग के धन्वन्तरि आयुर्वेद शिरोमणि आचार्य बालकृष्ण का जन्मदिन महिला पतजंलि योग समिति के तत्वाधान में जड़ी बूटी सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा। मंगलवार को आचार्य के जन्मदिन के शुभ अवसर पर महिला पतजंलि योग समिति ने पदमपुर स्थिति एक वेडिंग प्वाइंट में हवन यज्ञ करके मनाया।
पतजंलि योग पीठ हरिद्वार द्वारा संकल्प लिया गया कि पूरे उत्तराखण्ड में घर-घर में गिलोय बेल वितरित की जाएगी। इसके लिए पंतजलि से जुड़े सदस्यों द्वारा जगह-जगह से गिलोय एकत्रित की जा रही है। राज्य कार्यकारिणी सदस्य शोभा रावत ने बताया कि गिलोय (अमृता ) बहुत ही लाभकारी औषधी है, जो बहुत से रोगों से लड़ने में रामबाण है। यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस होते है, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते है। उन्होंने कहा कि छ: अगस्त को देवी मंदिर पतजंलि आरोग्य केंद्र और सात व आठ अगस्त को ध्यानी मेडिकल स्टोर बदरीनाथ मार्ग से गिलोय वितरित की जाएगी। इसके अलावा कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में घर-घर जाकर भी गिलोय वितरित की जाएगी। कार्यक्रम में जिला प्रभारी आशा रावत, युवती प्रभारी काजल कंडारी, तहसील प्रभारी सोनिया ध्यानी, अनीता कंडारी, लक्ष्मी नेगी, आरती खंतवाल, ऊषा थपलियाल, गोदांबरी नेगी, सरोज बिष्ट, शकुंतला पोखरियाल आदि उपस्थित रहे।

आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन पर हवन यज्ञ करते हुए महिला पतजंलि योग समिति की सदस्य।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!