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जनता के हितों की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी: हरक

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विवाहोपरान्त, प्रसुति प्रसुविधा, मरणोपरान्त और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के बांटे चेक
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने सोमवार को गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार में विवाहोपरान्त, प्रसुति प्रसुविधा, मरणोपरान्त और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष के चेक बांटे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता के हितों की रक्षा करना उनकी सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार इसे पूरा करने का पूरा प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत असंगठित कर्मकारों को पेंशन दी जायेगी। उन्होंने असंगठित कर्मकारों से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की है।
श्रम विभाग की ओर से वन मंत्री के कैंप कार्यालय में चेक वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम एवं वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोरोना काल में श्रम विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने सराहनीय कार्य किया। कोरोना काल में जहां लोग घरों में थे वहीं श्रम विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय में दिन-रात काम कर रहे थे। कोरोना काल में श्रम विभाग की ओर से प्रदेश में दो लाख पंजीकृत श्रमिकों के खाते में दो-दो हजार रूपये की धनराशि भेजी गई। पौड़ी जिले में भी 33 हजार श्रमिकों के खाते में धनराशि भेज गई। जबकि ढाई लाख पंजीकृत श्रमिकों और 75 हजार गैर पंजीकृत श्रमिकों को राशन किट वितरित की गई। 40 हजार राशन की किट कोटद्वार विधानसभा में वितरित की गई। श्रम मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत श्रमिकों को जोड़ा गया है। इस योजना के तहत श्रमिकों के उपचार की व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने विवाहोपरान्त रचना पत्नी शिवकुमार निवासी काशीरामपुर, लक्ष्मी देवी पत्नी कैलाश चन्द्र निवासी मानपुर, सीता देवी पत्नी राजेन्द्र सिंह निवासी उदयरामपुर, दिनेश मोहन पत्नी वाचस्पति निवासी पटेल मार्ग, नसीमा पत्नी नन्दू काशीरामपुर, मिथेलस देवी पत्नी चैतराम बालागंज कलालघाटी, प्रसुति प्रसुविधा के तहत संगीता देवी पत्नी अजय कुमार निम्बूचौड़, मनोज पुत्र रामबहादुर गिवईस्रोत, मनीष रावत पुत्र वीरेन्द्र रतनपुर कुम्भीचौड़, मरणोपरान्त सुबोधनी पत्नी स्व. मनोज कुमार जौनपुर, ऊषा पत्नी स्व. छुटन आमपड़ाव, संतोषी देवी पत्नी स्व. राजेन्द्र सिंह शिवराजपुर, प्रमोद कुमार पति स्व. पूजा देवी सिम्मलचौड़, अंकुश पुत्र स्व. पप्पू सिंह गोविन्द नगर, शोभा देवी पत्नी स्व. हरीश सिंह जौनपुर, संतोषी पत्नी स्व. नरेन्द्र सिंह कठूड़ बड़ा, खुशनुदा पत्नी स्व. बाबुदीन लकड़ीपड़ाव को चेक वितरित किये। इसके अलावा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से लाभार्थियों को चेक वितरित किये। श्रम विभाग की ओर से लड़की के विवाहोपरान्त 51 हजार, प्रसुति प्रसुविधा के तहत 10 हजार और मरणोपरान्त पंजीकृत श्रमिक के परिजनों को दो लाख दस हजार की आर्थिक सहायता दी जाती है। कार्यक्रम में सहायक श्रम आयुक्त अरविन्द सैनी, उपजिलाधिकारी अर्पणा ढौंडियाल, लेबर इंस्पेक्टर वीपी जुयाल, वन मंत्री के जनसम्पर्क अधिकारी सीपी नैथानी, विकास माहेश्वरी, ममता थपलियाल, शशिबाला केष्टवाल, जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़, अनीता वशिष्ठ आदि मौजूद थे।

प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना का लाभ उठाएं
कोटद्वार।
श्रम विभाग के लेबर इंस्पेक्टर वीपी जुयाल ने बताया कि असंगठित कर्मकारों के लिए केन्द्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना शुरू की गई है। इस योजना का लाभ 18 से 40 वर्ष का वह व्यक्ति जो असंगठित कर्मकार जिनकी आय 15 हजार मासिक से कम हो और ईएसआइसी, ईपीएफ, एनपीसी से सम्बन्धित पेंशन प्राप्त कर्ता न हो उठा सकता है। इस योजना के तहत पंजीकृत कर्मकार को 60 वर्ष पूर्ण होने पर तीन हजार रूपये मासिक पेंशन मिलेगी। पंजीकृत कर्मकार की मृत्यु होने पर उसके आश्रित पति/पत्नी को 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगी। उन्होंने कहा कि योजना के पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, बचत खाता/जनधन खाता, मोबाइल नंबर (जो आधार कार्ड से लिंक हो) अनिवार्य है। योजना के तहत पंजीकृत कर्मकार को न्यूनतम 55 रूपये और अधिकतम 200 रूपये की धनराशि प्रतिमाह जमा करनी होगी। योजना का लाभ लेने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर से नामांकन कराया जा सकता है।

कौन है असंगठित कर्मकार
कोटद्वार।
श्रम विभाग के लेबर इंस्पेक्टर वीपी जुयाल ने बताया कि प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन पेंशन योजना के उपलब्ध उन असंगठित कर्मकारों पर लागू होंगे जो गृह आधारित कर्मकार, गली में फेरी लगाने वाले, माध्याह्न भोजन कर्मकार, सिर पर बोझा उठाने वाले, ईंट भट्टा कर्मकार, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कर्मकार, धोबी, रिक्शा चालक, ग्रामीण भूमिहीन श्रमिक, ऑन अकाउंट कर्मकार, कृषि कर्मकार, सन्निर्माण कर्मकार, बीडी कर्मकार, हथकरघा कर्मकार, चमड़ा कर्मकार, दृश्य-श्रवय कर्मकार के रूप में एवं ऐसे ही अन्य व्यवसायों में कार्य कर रहे है।

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