कोटद्वार-पौड़ी

जैव विविधता संरक्षण हेतु सतत् विकास आज की मांग

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अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में देश-विदेश के विशेषज्ञों ने साझा किये अनुभव
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। डॉ. पिताम्बर दत्त बड़थ्वाल हिमालयन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में बुधवार को  “सतत विकास के लिए पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से जैव विविधता संरक्षण” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। जिसमें देश-विदेश के विषय विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किये।
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. जानकी पंवार ने कहा की जैव विविधता संरक्षण हेतु सतत् विकास आज की मांग है। सतत् विकास एक ऐसा विकास जिसमें वर्तमान की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके तथा आने वाली पीढ़ियां भी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि जैव विविधता के क्षेत्र में हमारा राज्य मॉडल प्रदेश है। चिपको आंदोलन में राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। साथ ही साथ देवभूमि होने के नाते पर्यावरण से हम सभी का निकट का संबंध है। कार्यकक्रम का संचालन करते हुए डॉ. स्वाति नेगी ने कहा कि राजा भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम है। राजा भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला ने जैव विविधता संरक्षण के संबध में विचार व्यक्त किये। उन्होंने ऊर्जा के गैर परम्परागत स्रोतों को अपनाने और पर्यावरण बचाने पर विशेष बल दिया। डॉ. बीएस बिष्ट ने बताया कि जहां प्राण है वहां परमात्मा मौजूद है इसलिए हमें किसी को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। डॉ. साकेत बडोला ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस की प्रासंगिकता को वर्तमान के संदर्भ में अवगत कराते हुए बताया कि बाघ संरक्षण वर्तमान में ज्वलंत मुद्दा है। डॉ. एमएसएम रावत ने भी जैव विविधता संरक्षण की जरूरत से अवगत कराया। डॉ. राकेश भूटानी ने जल संरक्षण और उसके महत्व को विस्तार से बताया। डॉ. एरोल करकन ने यूरोपीय देशों की जैव विविधता से हमें क्या सिख मिली है? विषय पर विस्तार से चर्चा की। प्रो. कॉमला संदा ने रासायनिक कीटनाशकों और उनके दुष्परिणामों के विषय में जानकारी दी। डॉ. लेंकोंडिया कोलानी, डॉ. आरके गुप्ता और अन्य बुद्धिजीवियों ने अपने विचारो को रखा।
अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार की संयोजक डॉ. स्मिता बडोला ने अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार के सफल आयोजन कि लिए स्भी का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि कार्यक्रम में देश-विदेश के 1000 प्रतिभागियों ने सहभागिता की। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के लिए यह बड़ा गर्व का विषय है कि विश्व स्तरीय वक्ताओं के विचारों को सुनने के लिए विदेशों के साथ-साथ देश के हर प्रदेश और हर कोने से प्रतिभागी हमारे बीच उपस्थित हुए। मीडिया प्रभारी डॉ. तनु मित्तल ने बताया कि फीडबैक फॉर्म सभी को प्रेषित किए जाएंगे जिसके भरने के उपरांत सभी प्रतिभागियों को ई-सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी प्रतिभागियों के शोध प्रपत्र आमंत्रित किए गए हैं, जिनको आईएसबीएन नंबर वाली पुस्तक में प्रकाशित किया जाएगा। इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठतम प्राध्यापक डॉ. डीएम शर्मा, अंतरराष्ट्रीय वेबीनार समिति के सभी सम्मानित सदस्य डॉ. सुरमान आर्य, डॉ. प्रीति रानी, डॉ. सुषमा थलेडी, डॉ. योगिता मौजूद रहे।
बॉक्स समाचार
जर्मनी, इग्लैंड, अफ्रीका के विशेषज्ञों ने किये विचार व्यक्त
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. जानकी पंवार, डॉ. बीएस बिष्ट उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा विकास बोर्ड, डॉ. कुमकुम रौतेला निदेशक उच्च शिक्षा विभाग, प्रो. एमएसएम रावत सलाहकार रूसा, डॉ. साकेत बडोला आईएएस हेड ट्रैफिक इंडिया, मिस्टर एरोल करकन वाणिज्यिक निदेशक केआईसीएस हैमबर्ग जर्मनी, प्रो. कोमला सांदा, कुलपति कारा विश्वविद्यालय टोगो अफ्रीका, प्रो. एके डोबरियाल पूर्व विभाग प्रभारी जन्तु विज्ञान एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर, डॉ धीरज पांडेय आईएफएस हुघेस हॉल कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय इंग्लैंड, प्रो. एके सक्सेना सेवानिवृत्त विभाग प्रभारी जन्तु विज्ञान, डॉ. राकेश भुटियानी, जंतु विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान विभाग गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार, डॉ. आरके गुप्ता सीएएसबी विज्ञान संस्थान बीएचयू वाराणसी, डॉ. रमेश कुमार चौहान परीक्षा नियंत्रक श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, नई टिहरी, संयोजक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार डॉ० स्मिता बडोला, आयोजन सचिव अंतरराष्ट्रीय वेबीनार, डॉ. स्वाति नेगी, डॉ० तनु मित्तल मीडिया प्रभारी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

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