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द्विपक्षीय सहयोग पर जेसीबीसी की बैठक संपन्न, जयशंकर बोले- संपर्क और सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा

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नई दिल्ली, एजेंसी। एस. जयशंकर और उनके फिलीपीन समकक्ष एनरिक मनालो ने यहां द्विपक्षीय सहयोग पर पांचवें भारत-फिलीपींस संयुक्त आयोग (जेसीबीसी) की सह-अध्यक्षता की। जयशंकर ने बताया कि वार्ता में संपर्क बढ़ाने और सहयोग को व्यापक बनाने पर चर्चा हुई, क्योंकि हम अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रहे हैं।
फिलीपींस के विदेश मंत्री एनरिक मनालो बुधवार से चार दिवसीय भारत दौरे पर हैं। उनकी यात्रा के दूसरे दिन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर पांचवें भारत-फिलीपींस संयुक्त आयोग (जेसीबीसी) की बैठक हुई। वहीं, भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने इस बैठक को सार्थक और व्यापक बताया।
जयशंकर और फिलीपींस के विदेश मंत्री मनालो ने यहां द्विपक्षीय सहयोग पर पांचवें भारत-फिलीपींस संयुक्त आयोग (जेसीबीसी) की सह-अध्यक्षता की। जयशंकर ने ट्वीट किया, द्विपक्षीय सहयोग पर पांचवें भारत-फिलीपीन संयुक्त आयोग की सार्थक और व्यापक बैठक संपन्न हुई। हमारी वार्ता में संपर्क बढ़ाने और सहयोग को व्यापक बनाने पर चर्चा हुई, क्योंकि हम अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चर्चा के एजेंडे में रक्षा, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद से निपटने और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से संबंधित मुद्दे शामिल थे। उन्होंने कहा, आज हमारे एजेंडे में आज रक्षा, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला और अंतरराष्ट्रीय अपराध के मुद्दे शामिल हैं। साथ ही व्यापार और निवेश, विकास सहयोग, स्वास्थ्य और फार्मा, पर्यटन, हवाई सेवाएं, कृषि, फिनटेक और अंतरिक्ष सहयोग, बढ़ते आर्थिक संबंध मुद्दे में शामिल हैं।
जयशंकर ने कहा कि बैठक के दौरान आसियान और बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग को भी मान्यता दी गई। उन्होंने ट्वीट किया, ‘लोगों के बीच, विशेष रूप से पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में, संबंधों के महत्व पर गौर किया गया। बैठक में आसियान और बहुपक्षीय मंचों में हमारे मजबूत सहयोग को भी मान्यता दी गई। हिंद-प्रशांत देशों के रूप में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
फिलीपींस के विदेश सचिव ने घोषणा की कि उनके देश ने भारत के साथ अपडेटेड हवाई सेवा समझौते की पुष्टि कर दी है। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान विदेश मंत्री ने हिंद-प्रशांत को स्थिर करने और कानून के शासन के महत्व देने और समावेशी बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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