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जम्मू-कश्मीर: हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों पर लग सकता है प्रतिबंध, इस अधिनियम के तहत हो सकती है कार्रवाई

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जम्मू, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दशक से अलगाववाद का जहर घोल रहे अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टलरेंस नीति के तहत केंद्र सरकार के पास प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
पाकिस्तान में एमबीबीएस की सीटें कश्मीरी छात्रों को बेचने और उससे मिले पैसे का अलगाववादी व आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के सबूत मिलने के बाद अनैतिक गतिविधियों निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत हुर्रियत पर शिकंजा कसा जा सकता है।
पहले भी कई मामलों में हुर्रियत नेताओं की मिलीभगत सामने आ चुकी है। सूत्रों के अनुसार यूएपीए के अनुच्टेद 3(1) के तहत हुर्रियत पर कार्रवाई हो सकती है। इस अनुच्टेद के तहत यदि केंद्र सरकार को लगे कि कोई भी संगठन गैरकानूनी संगठन बन गया है तो उसे गैर कानूनी संगठन करार देकर प्रतिबंधित किया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि टेरर फंडिंग के एक मामले की जांच के दौरान इस बात के सबूत मिले हैं कि हिजबुल मुजाहिदीन, दुख्तरान-ए-मिल्लत और लश्कर-ए-ताइबा की मदद से अलगाववादी नेता व हुर्रियत कांफ्रेंस के कैडर इसमें लगे हुए हैं। देश और विदेशों से हवाला समेत अन्य अवैध चौनलों से फंड जुटाकर उसका इस्तेमाल अलगाववादी व आतंकी गतिविधियों में किया जा रहा है।

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