उत्तराखंड

बीज का गैर कानूनी काम माफ नहींर: जोशी

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रुद्रपुर। षि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि एक समय था जब पूरे देश में उत्तराखंड सीड्स एंड तराई डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड पंतनगर हल्दी (टीडीसी) का अच्टे संस्थानों में नाम होता था। लेकिन 2015-16 में बीज घोटाले के छह वर्ष बाद भी डीटीसी की वित्तीय स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। उन्होंने कहा कि बीज का गैरकानूनी काम किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए अधिकारी और कर्मचारी अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाएं। उन्होंने कहा कि टीडीसी के क्या प्लान हैं एक सप्ताह में उन्हें रिपोर्ट चाहिए। मंगलवार को षि मंत्री उत्तराखंड मंडी परिषद के सभागार में डीडीसी अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस बीच टीडीसी के अधिकारियों से जब षि मंत्री ने पूछा की विगत वर्ष गेहूं के बचे हुये 47 हजार कुंतल बीज का क्या हुआ। इस पर वे कोई उत्तर नहीं दे पाये। इस बीच षि सचिव आर मिनाक्षी सुंदरम ने कहा कि विगत माह इसको लेकर देहरादून में बैठक भी आयोजित हुई। इसमें बचे बीज के प्रमाणीकरण को लेकर भी चर्चा हुई थी। बावजूद इसमें कोई काम नहीं हुआ है। वहीं उत्तराखंड स्टेट सीट्स सर्टिफिकेशन के अधिकारियों ने बताया कि 8 अप्रैल को बीज के जांच कर प्रमाणीकरण की रिपोर्ट टीडीसी को दे गयी थी। इसमें बीज ठीक पाया गया था। इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इस पर कोई निर्णय नहीं लिए जाने पर षि मंत्री ने नाराजगी जतायी। वहीं उन्होंने सीड्स सर्टिफिकेशन के अधिकारियों से कहा कि बैग में 10 रुपये को टैग को 100 रुपये में लगाया जा रहा है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि नई तकनीकी से टैग लगाया जा रहा है इस कारण यह महंगा पड़ रहा है। इससे टैग के चोरी होने का खतरा भी कम होता है। षि मंत्री टीडीसी के अधिकारियों को साफ शब्दों में कहा कि जो बातें आज में कहा रहा है इस पर एक महीने बाद प्रगति देखने आउंगा। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, पूर्व सांसद बलराज पासी, निदेशक षि गौरी शंकर, संयुक्त निदेशक बीज प्रमाणीकरण ड़ हेम चंद्र सगटा, निदेशक टीडीसी जेएस नगन्याल, मुख्य षि अधिकारी एके वर्मा, टीडीसी डायरेक्टर समरपाल सिंह, अंकुर पपनैजा, मुकुल माहेश्वरी समेत कई लोग उपस्थित थे।
टीडीसी जब मुनाफा कमायेगी तभी गुलदस्ता लेंगे
रुद्रपुर। टीडीसी के अधिकारियों ने जब षि मंत्री का स्वागत करने के लिए उन्हें फूलों का गुलदस्ता देना चाहा तो उन्होंने साफ-साफ कहा कि जब टीडीसी मुनाफा कमाने लगेगी तभी वह गुलदस्ते स्वीकार करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीज खरीद की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए टीडीसी के डायरेक्टर को सीधे प्रतिदिन की दरों के अनुकूल प्रतिस्पर्धी दरों पर बीज खरीदने के अधिकार दे दिए गए हैं, ताकि बीज उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा की जा सके और टीडीसी लाभ का सौदा कर सके।

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