हैदराबाद यूनिवर्सिटी की ज़मीन बेचने पर कानूनी और राजनीतिक कार्रवाई की चेतावनी
क्या हुआ आपकी मोहब्बत की दुकान का? — कांग्रेस से 400 एकड़ ज़मीन के सौदे पर डॉ. पॉल ने उठाए सवाल
हैदराबाद, प्रसिद्ध ईसाई धर्मप्रचारक और प्रजाशांति पार्टी के अध्यक्ष डॉ. के ए पॉल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलने और युवाओं के भविष्य के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार हैदराबाद यूनिवर्सिटी की 400 एकड़ ज़मीन, जिसकी कीमत ?1 लाख करोड़ से अधिक बताई जा रही है, उसे प्राइवेट कंपनियों जैसे अडानी को बेचने की कोशिश कर रही है।डॉ. पॉल ने कांग्रेस सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और चेतावनी दी है कि अगर इस सौदे को तुरंत रद्द नहीं किया गया, तो वे कानूनी और राजनीतिक कार्रवाई करेंगे। अपने बयान में, डॉ. पॉल ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी द्वारा किए गए वादों को याद दिलाते हुए पूछा कि “मोहब्बत की दुकान” के नाम पर युवाओं को जो सपने दिखाए गए थे, वे क्या सिर्फ दिखावा थे?”उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि छात्रों के विरोध प्रदर्शनों को जबरन दबाया जा रहा है और यहां तक कि ईद के दिन भी छात्रों को पुलिस द्वारा बेरहमी से गिरफ्तार किया गया। ज़मीन के इस सौदे को तेलंगाना के भविष्य के साथ एक बड़ा धोखा बताते हुए उन्होंने पूछा, “क्या कांग्रेस को सिर्फ अडानी से मिलने वाले पैसे की परवाह है?” डॉ. पॉल ने साफ कहा कि अगर 72 घंटे के भीतर यह सौदा रद्द नहीं किया गया, तो वह सार्वजनिक हित याचिका (क्कढ्ढरु) दायर कर इसे रोकने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। मैंने प्लांट की बिक्री रोकी थी, कामारेड्डी के किसानों की ज़मीन हड़पने से बचाई थी, और मैं यह भी रोक दूंगा। सरकार चाहे बीजेपी की हो, कांग्रेस की हो या किसी और की—युवाओं के भविष्य को नहीं बेचा जा सकता!” उन्होंने चेतावनी दी। डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि अगर राहुल गांधी और रेवंत रेड्डी बंद कमरे में ज़मीन बेचने की साजिशें जारी रखते हैं, तो तेलंगाना में कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा।डॉ. पॉल ने जनता, मीडिया और पुलिस से अपील की कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए आगे आएं और इस सौदे को रोकें।
इस संदेश को तब तक शेयर करें, जब तक यह राहुल गांधी, सोनिया गांधी और रेवंत रेड्डी तक न पहुंच जाए। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, हमें लोकतंत्र को बचाना होगा।