उत्तराखंड

उच्चतम न्यायालय में अब छात्रों का पक्ष रखेंगे कर्नाटक, कहा युवा वर्ग के हित में उनके साथ सदैव खड़े रहेंगे

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अल्मोड़ा। कला विषय के सैकड़ों छात्र छात्राओं ने मंगलवार को पूर्व दर्जा मंत्री एवं उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बिट्टू कर्नाटक के र्केप कार्यालय में जाकर उनसे वार्ता की तथा ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बिट्टू कर्नाटक से कहा कि नवंबर 2020 में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा सहायक अध्यापक के पदों हेतु विज्ञापन जारी किया था जिसमें एलटी कला वर्ग के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। जिसमें शैक्षिक योग्यता इस भर्ती से पूर्व जारी विज्ञप्ति के अनुसार ना होकर कला अध्यापक हेतु बीएड प्रशिक्षण योग्यता रखी गई थी। परंतु कला वर्ग के छात्रों द्वारा किए गए आंदोलन को देखते हुए एवं छात्र हित को देखते हुए सरकार द्वारा उक्त विज्ञापन में संशोधन कर बी एड प्रशिक्षण योग्यता को हटाकर संशोधित विज्ञप्ति जारी कर 25 फरवरी 2021 को पुनरू कला वर्ग के अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे। सभी कला वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा मेहनत कर परीक्षा में अगस्त 2021 में प्रतिभाग किया गया था। लेकिन कुछ बी एड प्रशिक्षित परीक्षार्थियों द्वारा उक्त परीक्षा के औचित्य पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय में वाद दायर किया कर दिया गया। जबकि माह फरवरी में विज्ञापन संशोधित विज्ञप्ति जारी की गई एवं अगस्त 2021 में परीक्षा संपादित कराई गई। परीक्षा देने के उपरांत इतना अधिक समय व्यतीत होने के उपरांत कुछ परीक्षार्थियों के स्वयं के स्वार्थ निहित होने के कारण उक्त परीक्षा परिणाम को अनावश्यक रूप से लटकाए रखा। तत्पश्चात उच्च न्यायालय द्वारा उक्त परीक्षा परिणाम को घोषित करने का फैसला सुनाया तथा बाद दायर करने वाले हेतु 15 पद आरक्षित करने का निर्देश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को दिया। इसके उपरांत उक्त परीक्षार्थियों द्वारा उक्त फैसले को उच्च न्यायालय के डबल बैंच में चुनौती दी गई तथा दिनांक 15 मई को न्यायालय द्वारा भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करते हुए नए सिरे से एनसीटीई के मानकानुसार परीक्षा कराने हेतु निर्देशित करने का फैसला सुनाया। छात्रों ने ज्ञापन में कहा है कि उच्च न्यायालय के आदेश को देखते हुए लगता है कि स्टैंडिंग काउंसिल द्वारा परीक्षार्थियों का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा गया एवं उनसे युवा वर्ग का साथ देने की अपील की। बिट्टू कर्नाटक को सौंपे ज्ञापन में छात्र छात्राओं ने कहा कि उनकी लोकप्रियता एवं आम जनमानस के प्रति सक्रियता को देखते हुए सभी कला वर्ग के छात्र आज उनकी शरण में आए हैं ताकि उन सभी को न्याय मिल सके। ज्ञापन के माध्यम से कहा कि कला वर्ग के बहुत से छात्र निर्धन परिवार से है जो कि बड़ी मुश्किल से अपनी पढ़ाई पूरी कर पा रहे हैं, ऐसे में पढ़ाई के साथ वे न्यायालयीय विवादों से निपटने में सक्षम नहीं हैं। कई परीक्षार्थी अधिकतम आयु सीमा के कारण अगली परीक्षा नहीं दे पाएंगे। मामले पर कर्नाटक ने छात्र छात्राओं के सम्मुख सर्वोच्च न्यायालय के साथी अधिवक्ताओं से इस संबंध में वार्ता की एवं मजबूती के साथ अपील करते हुए छात्र छात्राओं का पक्ष रखने की बात की। इसके साथ ही उन्होंने छात्र छात्राओं से कहा की इस गंभीर मुद्दे को वे जल्द ही सूबे के मुख्यमंत्री के सम्मुख रखेंगे।

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