केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने में एक दिन शेष
रुद्रप्रयाग। इस सीजन की केदारनाथ यात्रा अब कपाट बंद की ओर है। 16 नवम्बर भैया दूज के दिन बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। ऐसे में यहां संचालित हेली सेवा और घोड़ा खच्चर संचालक अब वापस लौट गए हैं। सीमिति संख्या में ही दोनों सुविधाएं मिल रही है। वहीं केदारनाथ में रह रहे तीर्थपुरोहित और व्यापारी भी वापस लौटने लगे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार जब 29 अप्रैल को कपाट खुले तो काफी सादगी से कार्यक्रम संपंन हुआ किंतु कपाट बंद होने पर उत्सव सुंदर होगा। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क आदि नियमों का पालन किया जाएगा किंतु डोली के ऊखीमठ लौटने के लिए हर कोई यात्रा में शामिल होना चाहता है। मंदिर से मिली जानकारी के मुताबिक डोली के पैदल आने की संभावना ज्यादा है। जबकि कपाट खुलने के वक्त डोली को ऊखीमठ से वाहन द्वारा सीधे गौरीकुंड पहुंचाया गया। देवस्थानमं बोर्ड के यात्रा संयोजक बीडी सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम से डोली को पैदल लाया जाएगा। जैसे पूर्व से चली आ रही परम्परा है उसी का निर्वहन किया जाएगा। वहीं केदारधाम में कपाट बंद होने की तैयारियां की जाने लगी है। एक ओर मंदिर को दीपावली के लिए रंग विरंगे फूलों से सजाया गया है जबकि कपाट बंद होने को लेकर तीर्थपुरोहित, व्यापारी सामान समेटने लगे हैं। मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने बताया कि दीपावली के पर्व पर बाबा केदार की भब्य पूजा की गई। मंदिर को फूलों से सजाया गया है। डोली यात्रा की तैयारियां भी की जा रही है। इधर केदारनाथ के संचालित अधिकांश हेली सेवाएं भी वापस लौटने लगी है।