एनएसयूआई ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, सरकार को निर्देशित करने की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। एनएसयूआर्ई ने आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार जनता का शोषण कर रही है। केन्द्र सरकार जनता की
जेब पर डाका डाल रही है। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल का
दाम 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जो 24 जून 2020 को गिरकर 43.41 अमेरिका डॉलर प्रति बैरल हो गया। इसके
बावजूद भी भाजपा सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर पहुंचा दिये है। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने
तहसीलदार के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर 5 मार्च 2020 के बाद पेट्रोल व डीजल के दामों एवं उत्पाद
शुल्क में की गई बढ़ोत्तरी को तत्काल वापस लेने के लिए केन्द्र सरकार को निर्देशित करने की मांग की है।
एनएसयूआई के जिला महासचिव सौरव पाण्डे ने कहा कि लॉकडाउन के पिछले तीन माह के दौरान पेट्रोल व
डीजल पर लगने वाले केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और कीमतों में बार-बार की गई बढ़ोत्तरी से भारत के नागरिक परेशान है।
जहां एक ओर देश स्वास्थ्य व आर्थिक महामारी से लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार पेट्रोल व डीजल की कीमतों
और उस पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को बार-बार बढ़ाकर इस मुश्किल घड़ी में मुनाफाखोरी कर रही है। उन्होंने कहा कि
पिछले छ: सालों में भाजपा सरकार द्वारा डीजल के उत्पाद शुल्क में 820 प्रतिशत और पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में 258
प्रतिशत की वृद्धि की गई है। केवल पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में बार-बार वृद्धि करके मोदी सरकार ने
पिछले छ: सालों में 18,00,000 करोड़ रूपये काम लिए है। 5 मार्च 2020 को पेट्रोल व डीजल के मूल्य में तीन रूपये
प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गई। 5 मई 2020 को मोदी सरकार ने डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुलक में 13 रूपये प्रति
लीटर और पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 10 रूपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की। 7 से लेकर 24 जून 2020 तक
मोदी सरकार ने पेट्रोल व डीजल के मूल्य लगातार बढ़ाएं। जिससे डीजल का मूल्य 10.48 और पेट्रोल का मूल्य 8.50
रूपये प्रति लीटर बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े तीन महिनों में भाजपा सरकार ने डीजल पर मूल्य और
उत्पाद शुल्क 26.48 और पेट्रोल पर 21.50 रूपये प्रति लीटर बढ़ा दिया। ज्ञापन देने वालों में एनएसयूआई के जिला
महासचिव सौरव पाण्डेय, छात्रसंघ कोषाध्यक्ष मेघा कुलाश्री, उपाध्यक्ष भास्कर, राजा आर्य, सुमित रावत, सोहन सिंह,
अभिषेक अग्रवाल, जावेद, विशाल वर्मा, अभिषेक काला आदि शामिल थे।