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कृषि बिल पर विपक्ष फैला रहा भंराति, किसान बनेगें आत्मनिर्भर

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। स्थानीय विधायक एवं वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने विपक्षी पार्टियों पर कृषि बिल को लेकर भ्रांति फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कृषि बिल किसानों के हित में है। यह बिल किसानों की आय दोगुनी करने में अहम भूमिका निभायेगा। कृषि बिल पास होने के बाद अब जाकर सही मायनों में किसानों को आजादी मिली है और इससे किसान आत्म निर्भर बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान मंडी व्यवस्था को समाप्त नहीं किया जा रहा है, बल्कि नये बाजार भी उपलब्ध कराये जा रहे है, ताकि किसान अपनी सुविधा अनुसार अपनी फसल बेच सके। इस बिल के लागू होने से बिचौलिये किसानों को धोखा नहीं दे पायेंगें, क्योंकि इस बिल में किसानों को धोखा देने पर सजा का प्रावधान किया गया है। जबकि पहले कानून न होने से सजा का प्रावधान नहीं था। मंत्री ने कहा कि अब किसान अगर लोन जमा नहीं करता है तो उसकी कृषि भूमि की नीलामी नहीं की जाएगी। जिससे किसान अब भूमिहीन नहीं होगा।
मंगलवार को कोटद्वार स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कृषि मंत्री के नेतृत्व में देश अनाज/खाद्यन्न के मामले में सरपल्स है। किसानों का इसमें अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ बीज, खाद के नाम पर पहले धोखाधड़ी होती थी, लेकिन कृषि बिल लागू होने से इसमें रोक लगेगी। नए कृषि बिल के लागू होने के बाद किसान अपनी फसली उपज को मनचाही दरों पर बेच सकेंगे और इससे किसानों की आर्थिक उन्नति होगी। फसल बोने के समय ही खरीददार रेट का एग्रीमेंट कर सकेगा और उसी एग्रीमेंट के अनुसार किसान को उसकी उपज की कीमत मिलेगी। काबीना मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि कृषि बिल से लघु किसानों को एकत्रित करके बाजार उपलब्ध कराने, फसल की क्षति को न्यूनतम करने की व्यवस्था की है। साथ ही ऋण को सरलीकरण किया है। काबीना मंत्री ने बताया कि मंडी परिसर से बाहर फसल बेचने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। देश का किसान उन्नत होगा तो देश भी खुशहाल होगा। किसानों को उनकी फसल को एक राज्य से दूसरे राज्य तक ले जाने के लिए किसान रेल सेवा भी शुरू की गई है। किसान के खेत पर जाकर ही उसकी फसल खरीद सकेंगे, इससे किसानों का ट्रांसपोर्टेशन में लगने वाला खर्चा भी बचेगा। वहीं नए बिल में मंडी परिसर में भी फसल बेचने का विकल्प रखा गया है। इस मौके पर भाजपा भाबर मंडल अध्यक्ष चन्द्रमोहन जसोला, नगर अध्यक्ष सुनील गोयल, भाबर महामंत्री गौरव जोशी, ममता देवरानी, वन मंत्री के जन सम्पर्क अधिकारी सीपी नैथानी आदि मौजूद थे।

वर्ष 2013-14 की अपेक्षा छ: गुना कृषि बजट
काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कृषि विभाग का बजट 1 लाख 34 हजार 3 सौ 99 करोड़ रूपये है, जो वर्ष 2013-14 के बजट का छ: गुना है। वर्ष 2015-16 में देश में अनाज का कुल उत्पादन 251.54 मिलियन टन था जो 2019-20 में बढ़कर 296.65 मिलियन टन हो गया है जो कि एक रिकॉर्ड है। केन्द्र सरकार ने सभी अधिदेशित खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है, जिसमें कृषि वर्ष 2018-19 से उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसल लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत का लाभ जोड़ा गया है। खरीफ 2020-21 में 8 दिसम्बर 2020 तक धान की अधिप्राप्ति 356.18 लाख मीट्रिक टन हुई है, जो पिछले वर्ष की अपेक्षा 20 प्रतिशत अधिक है। पीएम किसान योजना के तहत 10.59 करोड़ किसानों को लाभान्वित करते हुए अदयतन कुल 95979 करोड़ रूपये हस्तान्तरित किए गये है।
मत्री डॉ. रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के चार वर्ष के क्रियान्वयन के दौरान किसान से 23 करोड़ आवेदन प्राप्त कर 7.2 करोड़ आवेदकों को लाभान्वित किया गया है। इस अवधि में किसान द्वारा 17450 करोड़ रूपये का प्रीमियम भुगतान किया गया, जिसके तहत 87 हजार करोड़ रूपये का दावा भुगतान किया गया है। कृषि ऋण 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रूपये था, जो अब बढ़कर वर्ष 2019-20 में 13.73 लाख करोड़ रूपये हो गया है। वर्ष 2020-21 में 15 लाख करोड़ रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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