किसानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए योजना बनाई जाए
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र्र ंसह रावत ने राज्य में सेब, नाशपाती सहित अन्य फलों के बागों के पुनर्जीविकरण व विस्तारीकरण के लिए भरसार विवि और जीबी पंत विवि के कुलपतियों की एक समिति बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के स्किल डेवलपमेंट की योजना बनाई जाए। फार्म मशीनरी बैंक और माइक्रो इरीगेशन का लाभ अधिकतम गांवों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। सूअर, बंदर आदि जंगली जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान का सर्वे करते हुए अधिक प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए तारबाड़, दीवार बनाने का काम प्राथमिकता से किया जाए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से समस्त जिलाधिकारियों के साथ कृषि, उद्यान व रेशम विभागों की समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सेब व अन्य फलों की खेती को आधुनिकतम तकनीक के उपयोग द्वारा लाभप्रद बनाया जाए। आवश्यकता होने पर दूसरी किस्मों से बदला भी जा सकता है। इसके लिए औद्यानिकी विभाग ठोस काम करे। किसानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए योजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक किसानों के लिए काफी लाभप्रद हो रहे हैं। प्रयास किए जाए कि अधिक से अधिक गांव इसके अंतर्गत आ सकें। माइक्रो इरीगेशन पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। विभाग इसके लिए कार्ययोजना बनाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती का और विस्तार किए जाने की जरूरत है। जैविक उत्पादों के विपणन के लिए ग्रोथ सेंटरों का उपयोग किया जाए। नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे जैविक कृषि के लिए चयनित गांवों में मानिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। किसान सम्मान निधि में किसी तरह की शिकायत न आए। इसके लिए डाटा फीडिंग सावधानी पूर्वक की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कीड़ा जड़ी, मशरूम आदि उत्पादों पर रिसर्च की जाए। कृषि व औद्यानिकी से जुड़ी शिक्षण संस्थानों के छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान के लिए निकटवर्ती गांवों में भेजे जाय। भरसार व जीबी पंत विवि अपने निकवर्ती गांवों में कार्य करें। जल्द से जल्द चाय विकास बोर्ड की बैठक आयोजित की जाए। अधिकारी फील्ड में जाए और वहां किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं को दूर करें। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने बताया कि जनपद में उद्यान विभाग द्वारा सेब के अति सघन 7 उद्यान हैं, जिनमें 5 हजार 750 पौधे लगाये गये हैं तथा इससे 8 लोग लाभान्वित हुए है। इस अवसर पर जनपद से अपर जिलाधिकारी डॉ. एसके बरनवाल, मुख्य उद्यान अधिकारी डा. नरेन्द्र कुमार सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी देवेंद्र सिंह राणा, उद्यान विशेषज्ञ कोटद्वार वीपी सिंह सेंगर सहित डॉ. परमा राम, जगतपाल शर्मा, राजीव सिंह आदि संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
दो साल में बनेगें 1300 आर्गेनिक आउटलेट
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश के आर्गेनिक उत्पादों की मार्केटिंग के लिए आर्गेनिक उत्तराखण्ड आउटलेटस स्थापित किए जाएंगे। अगले 2 वर्ष में 1300 आउटलेट बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में किसानों को लाभकारी खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हरिद्वार में बहुत से किसानों ने गन्ने की खेती के स्थान लेमनग्रास की खेती शुरू की है। उन्हें इसकी अच्छी कीमत भी मिल रही है। एकीकृत फार्मिंग की कन्सेप्ट पर भी काम किया जा रहा है।