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कोटद्वार में अवैध खनन पर अब रहेगी तीसरी ऑख ही नजर, कौड़िया और चिल्लरखाल पर लगे सीसीटीवी कैमरे

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। अवैध खनन को लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है। अवैध खनन को रोकने के लिए प्रशासन कौड़िया और चिल्लरखाल चेक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिये है। वहीं ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भौतिक परिवर्तन कर मानकों से अधिक ऊंचाई, हाइड्रोलिक सिस्टम लगाने वाले वाहन स्वामी और कृषि कार्य के लिए पंजीकृत ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का व्यवसायिक उपयोग करने वालों से चार गुना जुर्माना वसूला जा रहा है।
बता दें कि खोह, मालन और सुखरो नदी में पिछले काफी समय से दिन-रात अवैध खनन चल रहा है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से रात के समय से अवैध खनन करने के लिए सैकड़ों मजदूर आते है जो सुबह होते ही वापस लौट जाते है। वहीं कोटद्वार के खननकारी भी दिन-रात धड़ल्ले से अवैध खनन करते रहते है। प्रशासन से पिछले काफी समय से स्थानीय लोग शिकायत कर रहे है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिससे खनन कारियों के हौसलें बुलंद है। कोटद्वार की नदियों से अवैध तरीके से खनन कर उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है। जिससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रूपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि खोह, सुखरो और मालन नदी में अवैध खनन को रोकने के लिए और उस पर निगरानी रखने के लिए कौड़िया चेक पोस्ट और चिल्लरखाल चेक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिये गये है। कैमरों के माध्यम से अवैध खनन परिवहन की गतिविधियों पर नजर बनाई गई है। इसके लिए वन विभाग, पुलिस विभाग और राजस्व विभाग की एक संयुक्त टास्क फोर्स बनाई गई है। टास्क फोर्स को विशेष रूप से निर्देशित किया गया कि वह अवैध खनन परिवहन पर ही कार्रवाई करें। उन्होंने बताया कि नदी कि किनारे रहने वाले खनन से जुड़े लोगों व किरायेदारों सहित बाहरी मजदूरों का सत्यापन पुलिस से करवाया जायेगा। क्योंकि शिकायत मिल रही है कि बाहरी प्रदेशों के मजदूर रात के समय खनन कर सुबह होते ही वापस लौट जाते है। एसडीएम ने कहा कि अवैध तरीके से खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।

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