कुलभूषण पर पाक ने खेली चाल, कानूनी हक संबंधी कागज पर नहीं करने दिए हस्ताक्षर
नई दिल्ली,एजेंसी। भारतीय नौ सेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान अपनी चालों से बाज नहीं आ रहा है। कई महीनों की टाल मटोल के बाद पाक सरकार ने गुरुवार को भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को जाधव से मिलने तो दिया, लेकिन इस बात का पूरा ख्याल रखा कि दोनो के बीच ना खुल कर बात हो और ना ही किसी कागजात पर जाधव को हस्ताक्षर करने दिया। यह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) की तरफ से जाधव पर दिए गए फैसले व पाकिस्तान सरकार को दिए गए निर्देश के पूरी तरह से खिलाफ है। भारतीय अधिकारियों ने ना सिर्फ इस रवैये पर कड़ा ऐतराज जताया, बल्कि वह उस जगह से भी वापस आ गये जहां मुलाकात करवाई जा रही थी।
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि 13 जुलाई को पाकिस्तान से आग्रह किया गया था कि आईसीजे के फैसले के मुताबिक जाधव से मुलाकात करवाई जाए। 16 जुलाई यानी बुधवार को पाकिस्तान ने इसकी स्वीति दी और शाम को इस्लामाबाद स्थिति भारतीय उच्चायोग के अधिकारी जाधव से मिलने पहुंचे। लेकिन वहां का माहौल आइसीजे के मुताबिक पूरी तरह से खुले व भयमुक्त माहौल में नहीं था। मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी जाधव व भारतीय अधिकारी के साथ बहुत ही अजीब माहौल में उपस्थित थे। उनकी कोशिश दोनो पक्षों को भयभीत करने की थी।
जाधव ना सिर्फ काफी परेशान दिख रहे थे, बल्कि उनकी बातचीत को रिकर्डिंग भी की जा रही थी। पाकिस्तानी अधिकारियों ने ऐसे हालात बना दिया था कि जाधव से खुलकर बात भी नहीं हो पा रही थी। बाद में भारतीय अधिकारी ने कानूनी प्रतिनिधित्व से जुड़े कागजात पर जाधव की हस्ताक्षर लेनी चाही तो उसे भी रोक दिया गया। भारत की तरफ से जाधव को उनके कानूनी अधिकार के बारे में जानकारी देने का काम भी नहीं हुआ। लिहाजा भारतीय अधिकारियों ने अपना विरोध जताया और वापस लौट गये।
यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान की एजेंसियों ने जाधव के साथ ऐसा किया है। पिछले वर्ष आईसीजे के फैसले के बाद भी एक बार भारतीय अधिकारियों से उन्हें मिलने दिया गया था, लेकिन उस दौरान भी ऐसा ही किया गया। इसके पहले जब पाकिस्तान ने जाधव की मां और पत्नी को मुलाकात के लिए बुलाया था तब भी ऐसा ही किया था। तब जाधव की स्थिति बहुत ही खराब थी। जाधव की मां व पत्नी को भी परेशान किया गया था।
बुधवार की हुई मुलाकात पर भारत ने कहा है कि यह पूरी तरह से निरर्थक रही है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान ने पूरी तैयारी के साथ मुलाकात करवाई थी, ताकि कागजी तौर पर यह दिखा सके कि वह आइसीजे के फैसले का पालन कर रहा है। भारत ने कहा है कि यह ना सिर्फ आइसीजे बल्कि पाकिस्तान की तरफ से हाल ही में जारी एक अध्यादेश का भी उल्लंघन है।