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लोकसभा-राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, वेंकैया नायडू बोले- उम्मीद से कम हुआ काम

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नई दिल्ली, एजेंसी। संसद का शीतकालीन सत्र कई मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के बीच बुधवार को तय समय से एक दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। वहीं, निलंबित राज्यसभा सांसदों की सूची में डेरेक ओ ब्रायन नाम भी जुड़ गया, मंगलवार को राज्यसभा में तृणमूल के नेता डेरेक ओब्रायन भी गलत व्यवहार के कारण निलंबित हो गए। दरअसल चुनाव सुधार से जुड़े कानून को पारित कराते वक्त डेरेक ने रूल बुक ही महासचिव के सामने टेबल पर देंक दिया। विधेयक पर मतदान की जरूरत ही नहीं पड़ी क्योंकि विपक्ष वाकआउट कर चुका था और विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया।
विपक्ष का हंगामा उन 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को वापस लेने के लिए है, जिन्हें जुलाई-अगस्त में मानसून सत्र के दौरान हुई घटनाओं के कारण निलंबित कर दिया गया था। विपक्षी सांसदों की एक और मांग 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का इस्तीफा भी है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विपक्षी नेताओं ने निलंबित सांसदों के साथ भारत के संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने राष्ट्रगान का पाठ किया।
राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि शीतकालीन सत्र में सदन का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा। उन्होंने कहा, श्यह बेहतर हो सकता था। सभी को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि क्या गलत हुआ। नियमों, विनियमों, प्रक्रियाओं और मिसालों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट से अधिक समय बर्बाद हुआ। हालांकि, महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा की गई और उन्हें मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि सदन ने ओमिक्रोन, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की।

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