उत्तराखंड

मनणा धाम से पूजा अर्चना कर लौटी लोकजात यात्रा

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रुद्रप्रयाग। मनणी बुग्याल स्थित सिद्घपीठ मनणीमाई मंदिर में विशेष पूजा अर्चना एवं भोग लगाने के बाद लोकजात यात्रा सोमवार को रांसी के लिए रवाना हो गई है। यात्रा रात्रि प्रवास के लिए थौलधार पहुंची। जबकि बुधवार को यात्रा रांसी मंदिर पहुंचेगी जहां लोकजात यात्रा का विधिवत समापन होगा।
बीते 21 जुलाई से मदमहेश्वर घाटी के रांसी गांव से छह दिवसीय मनणीमाई की लोकजात यात्रा शुरू हुई थी। लोकजात यात्रा प्रथम पड़ाव के लिए सनियारा, 22 जुलाई को थौलधार एवं 23 जुलाई को मनणी बुग्याल पहुंची थी। सोमवार को पुजारी ईश्वरी प्रसाद भटट् ने ब्रह्ममूर्त में मनणा बुग्याल स्थित मंदिर में मां मनणी की भोग मूर्तियों को मंदिर में सजाया। जिसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंदिर में मां की विशेष पूजा अर्चना की गई। साथ ही ग्रामीणों ने मां के लिए भोग तैयार किया। मंदिर में भोग लगाने के साथ ही मूर्तियों को कुछ देर तक ब्रह्मकमलों से ढका गया। इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का वातावरतण भक्तिमय हो उठा। जिसके बाद भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। कुछ देर विश्राम करने के बाद भोग मूर्तियों को फिर कंडी में सजया गया। साथ ही मां से क्षेत्र एवं विश्व कल्याण की कामना की गई। मनणामाई की लोकजात यात्रा वापस रांसी गाँव के लिए रवाना हुई। लोकजात यात्रा वापसी पडाव थौलधार पहुंची। मंगलवार को लोकजात यात्रा सनियारा पहुंचेगी। बुधवार को राकेश्वरी मन्दिर रांसी पहुंचने पर लोकजात यात्रा का समापन होगा। इस यात्रा में पुजारी ईश्वरी प्रसाद भटट, देवेन्द्र सिंह पंवार, आनन्द सिंह रावत, शिशुपाल नेगी बड़ी संख्या में श्रद्घालु शामिल थे।

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