उत्तराखंड

भगवान तुंगनाथ की डोली तुंगनाथ के लिए हुई रवाना

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रूद्रप्रयाग : पंचकेदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली तुंगनाथ के लिए रवाना हो गई है। पहले दिन डोली गांव के पास भूतनाथ मंदिर में विश्राम के लिए पहुंची। यहां भक्तों के जयकारों के साथ क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया। 10 मई को तुंगनाथ के कपाट विधि विधान के साथ भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
मंगलवार को सुबह आठ बजे मठापति राम प्रसाद मैठाणी की अगुवाई में वेदपाठी व तीर्थ पुरोहितों ने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ की भोग मूर्तियों की विशेष पूजा अर्चना कर महाभिषेक किया। जिसके बाद शीतकालीन गर्भ गृह से भगवान तुंगनाथ की मूर्तियों को बहार लाया गया। उन्हें चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान कर श्रृंगार किया गया। मक्कूमठ के स्थानीय ग्रामीणों ने भगवान तुंगनाथ को चावल, पूरी, पकोड़ी का अर्ग लगाया। सुबह 10 बजे भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली ने मक्कूमठ मार्केडेय मंदिर की तीन परिक्रमा करने के बाद तुंगनाथ के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने नृत्य कर भक्तों को दर्शन एवं आशीर्वाद भी दिया। स्थानीय वाद्य यंत्रों एवं भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। गुरुवार को डोली भूतनाथ मन्दिर से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। 10 मई को तृतीय केदार की डोली चोपता से प्रस्थान कर अपने धाम पहुंचेगी। इसी दिन दोपहर 12 बजे भगवान तुंगनाथ के कपाट पौराणिक विधि-विधान एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। ग्रीष्मकाल के छह माह तक भगवान की पूजा-अर्चना तुंगनाथ में ही होगी। इस मौके पर डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित, मंदिर समिति के प्रबंधक बलवीर नेगी, चन्द्रमोहन बजवाल, दिलवर सिंह, दिग्विजय सिंह, दुर्गश सिंह, आनंद सिंह, प्रकाश मैठाणी, हरि बल्लभ मैठाणी, विजय भारत, रविन्द्र मैठाणी, प्रधान विजयपाल नेगी, क्षेपं सदस्य जयवीर सिंह नेगी आदि मौजूद थे। (एजेंसी)

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