उत्तराखंड

आतंक का पर्याय बन चुका आदमखोर गुलदार ढेर

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नई टिहरी। घनसाली क्षेत्र के गांवों में आतंक का पर्याय बन चुके गुलदार को आखिरकार वन विभाग की टीम ने मार गिराया। गुलदार के मारे जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस लेते हुए शिकारी दल का फूल मालाओं से स्वागत करते हुए वन विभाग का आभार जताया। घनसाली के बालगंगा रेंज के मयकोट व सुनारगांव में एक बालक व महिला को निवाला बनाने वाला आदमखोर गुलदार शिकारी जय हुकिल व गंभीर सिंह भंडारी की गोली का शिकार हुआ। आदमखोर के मारे जाने से ग्रामीणों व वन विभाग ने राहत की सांस ली। गुलदार ने बीते 28 नंवबर को मयकोट गांव में 12 वर्षीय किशोर को निवाला बनाया था। इससे पूर्व भी सुनार गांव में एक महिला पर हमला कर चुके गुलदार को मारने के लिए वन विभाग पर भारी दबाव था। जिसके बाद वन विभाग ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर क्षेत्र में शूटर तैनात कर दिए थे। कई दिनों के इंतजार के बाद आखिरकार गुरुवार तड़के सुबह वन विभाग के शिकारी दल ने गुलदार को मार गिराया। मयकोट के प्रधान वीरपाल बिष्ट ने आदमखोर के आंतक से लोगों को निजात दिलाने पर वन विभाग व दोनों शूटरों का आभार जताया। रेंज अधिकारी प्रदीप चौहान ने बताया कि मारे गए नर गुलदार की उम्र 7 वर्ष है, जिसे रेंज कार्यालय में पीएम करने के बाद दफना दिया जाएगा।

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