कोटद्वार-पौड़ी

मानसून आपदा को लेकर कोटद्वार में स्थापित हुआ कंट्रोल रूम, अधिकारियों को किया तैनात

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार।
मानसून के दौरान होने वाली बारिश को देखते हुये कोटद्वार तहसील प्रशासन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। तहसील में कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है, जो 24 घंटे खुला रहेगा। यदि अत्यधिक बारिश व बाढ़ की स्थिति होती है, तो इस प्राकृतिक आपदा का समाधान करने के लिए सभी राजकीय मशीनरी का प्रतिक्षण जागरूक रहकर आपातकालीन सेवा में जुटने की आवश्यकता रहती है। उपजिलाधिकारी ने खाद्य पूर्ति निरीक्षक को तहसील क्षेत्र में राशन समेत अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि बारिश और भूस्खलन के कारण सड़क मार्गों के बंद होने की समस्या रहती है। ऐसे में संभावित आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में जेसीबी की तैनाती होनी चाहिये। सड़क बाधित होने या अन्य कारणों से ग्रामीण क्षेत्रों में राशन की दिक्कत पैदा होती है। इससे निपटने के लिये समय पर गांवों तक राशन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाय।
कोटद्वार तहसील क्षेत्र में खोह, मालन, सुखरौ नदी और पनियाली, गिवंई, तेलीस्रोत सहित अन्य गदेरे है। इन नदियों और गदेरों में बरसात के समय अक्सर बाढ़ का कहर देखने को मिलता है। बरसात में बाढ़ आने से हर साल उपजाऊ जमीन का कटाव हो रहा है। पूर्व में भी पनियाली गदेरे में आई बाढ़ में कई लोग अपनी जान गवा चुके है। वहीं कई लोगों के घर में बरसात का पानी मलवे के घुस जाता है। जिस कारण लोगों को दिक्कतों के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। कोटद्वार की नदियों और गदेरों में बरसात के मौसम में अक्सर बाढ़ का कहर देखने को मिलता है, इसलिए तहसील प्रशासन ने बारिश के कारण नदियों में आने वाली बाढ़ और आपदा से निपटने के लिए जहां अधिकारियों की तैनाती कर दी है। वहीं तहसील परिसर में आपदा कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया है। ताकि बाढ़ या आपदा की स्थिति में जरूरत मंद को सहायता मिल सके।
उपजिलाधिकारी कोटद्वार योगेश मेहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ और आपदा को लेकर हम सतर्क है। जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसील स्तर पर पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है। 24 घंटे कंट्रोल रूम अलर्ट रहेगा। कंट्रोल रूम में कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में आठ अस्थाई शिविर शिविरों का चुनाव किया गया है। इसके अलावा तहसील के पौखाल क्षेत्र में भी अस्थाई शिविर चिन्हित किये है। उन्होंने कहा कि खाद्यन्न की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में इसके लिए पूर्ति निरीक्षक को निर्देशित किया गया है। लोक निर्माण विभाग को आपदा के दृष्टिगत जो संवेदनशील स्थान है, जिनका पांच साल में आपदों का इतिहास रहा है ऐसे स्थानों पर समय पे जेसीबी और पोकलैण्ड मशीन पहुंचे इसकी तैनाती करने को कहा है। उन्होंने कहा कि तहसील स्तर के आपदा राहत बचाव उपकरण है उन्हें चेक कर लिया गया है। आपदा का मॉक ड्रिल 15 जून से पहले प्रस्तावित है। फौरी राहत की अगर आवश्यकता पड़ती है तो हेलीपैड चाहिए होते है, इसके लिए तहसील क्षेत्र में आठ स्थान हेलीपैड के लिए चिन्हित किये है। हेलीपैड़ के बारे में डाटा तैयार किया जा रहा है। उपजिलाधिकारी ने बताया कि बहुत से शहरी क्षेत्र ऐसे है जहां बहुत बार आपदा आई है, इसके लिए तहसील में सेटेलाइट फोन दिया गया है। उसे रिचार्ज कर दिया गया है। इसका उपयोग वहां किया जाएगा जहां सिग्नल की दिक्कत होती है। रेडियो सेट तहसील में है। कोटद्वार-दुगड्डा और कोटद्वार-कालागढ़ के बीच के क्षेत्र में नेटवर्क बहुत कम रहता है। ऐसे स्थानों पर सम्पर्क करने के लिए वाकी टॉकी की डिमांड जिलाधिकारी से की है। वाकी टॉकी इस सप्ताह में तहसील को मिल जाएगा।

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