उत्तराखंड

डीजीपी से वार्ता रही बेनतीजा, दून में महापंचायत पर अड़े मुस्लिम संगठन

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देहरादून। डीजीपी अशोक कुमार से गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में हुई मुस्लिम संगठनों की वार्ता विफल हो गई है। संगठन दून में 18 जून को महापंचायत करने पर अभी भी कायम हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन ने किसी भी हाल में महापंचायत ना होने देने की बात कही है। वहीं, संगठनों ने पुरोला में संप्रदाय के नाम पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दोषी लोगों और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग भी डीजीपी से की। मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा कि पुरोला में दो युवकों ने एक आपराधिक घटना को अंजाम दिया। दोनों अलग-अलग समुदाय से हैं और दोनों को कानूनी कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया गया। इसके बाद भी वहां मुस्लिमों को विरोध और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। उन्हें पलायन को मजबूर किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक पुलिस मूकदर्शक बनी रही। उन्होंने प्रशासन पर भी भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने डीजीपी से कहा कैसे पुलिस एक समुदाय के लोगों की आईडी चेक कर सकती है। यह सिर्फ परेशान करने के लिए किया जा रहा है। इस तरह की पुलिसिंग का जिक्र तो संविधान और कानून में नहीं है, जहां धर्म पूछ कर पहचान साबित करने के लिए कहा जाए। उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। नईम कुरैशी के अनुसार वार्ता बेनतीजा रही। संगठन दून में 18 को महापंचायत करने का फैसले पर कायम है। अगर ठोस कार्रवाई का कोई आश्वासन मिलता है तो इस पर विचार किया जाएगा। डीजीपी अशोक कुमार ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए शांति और सौहार्द बनाने की अपील की है। मिलने वालों में शहर काजी मौहम्मद अहमद कासमी, मुस्लिम सेवा संगठन के संरक्षक जावेद खान ,उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी, तंजीम ए रहनुमाई मिल्लत के सदर लताफत हुसैन, पूर्व राज्य मंत्री याकूब सिद्दीकी ,सद्दाम कुरैशी, इतात खान और एडवोकेट रजिया बैग सहित कई लोग शामिल थे।

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