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नगरासू रेलवे परियोजना प्रभावितों ने किया प्रदर्शन

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रुद्रप्रयाग। क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण और रोजगार समेत कई मांगों को लेकर नगरासू रेलवे परियोजना प्रभावित समिति ने जोरदार प्रदर्शन कर नारेबाजी की। प्रभावितों का कहना था कि यदि उनकी मांगें शीघ्र पूरी न हुई तो उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। तयशुदा कार्यक्रम के तहत मंगलवार को रेलवे प्रभावित घोलतीर में एकत्रित हुए, जिसके बाद प्रभावितों ने रोजगार की मांग को लेकर घोलतीर मुख्य बाजार से नगरासू तक कंपनी के खिलाफ जुलूस निकाला। इस मौके पर रेलवे प्रभावित समिति के अध्यक्ष गौरव चौधरी ने कहा कि प्रत्येक प्रभावित परिवार से एक व्यक्ति को परियोजना में रोजगार दिया जाए। निर्माण कार्यों के चलते उड़ रही धूल-मिट्टी से ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है। इससे घरों की सुरक्षा किए जाने की मांग की। समिति के उपाध्यक्ष राकेश राणा, प्रधान मरोड़ा वीरेंद्र राणा ने कहा कि बड़ी संख्या में बेरोजगार घरों में बैठे हैं। रेलवे में स्थानीय लोगों के बजाय बाहर के लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। सिचाई नहर के क्षतिग्रस्त होने से खेत बंजर पड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई भी रेलवे विकास निगम को करनी चाहिए। रेलवे के कार्य से क्षतिग्रस्त हुए पैदल रास्तों का निर्माण होना चाहिए। इस अवसर पर रेलवे प्रभावित लक्ष्मण सिंह रावत, नरेंद्र बिष्ट, विनीता देवी, उर्मिला देवी, महावीर बुटोला, बॉबी राणा सहित कई प्रभावित मौजूद थे। उक्रांद ने भी दिया समर्थन
उत्तराखंड क्रांति दल ने रेलवे प्रभावितों की मांगों को जायज ठहराते हुए उनका समर्थन किया। उक्रांद के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि रेलवे से प्रभावित हरेक परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार मिलना चाहिए। कंपनी एक्ट में इस बात का प्रावधान है कि किसी भी परियोजना में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्तियों को मिलना चाहिए, लेकिन रेलवे विकास बोर्ड इस कानून का उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल स्थानीय बेरोजगारों की लड़ाई पूरी मुखरता से लड़ेगा। उक्रांद के जिला महामंत्री भगत चौहान और जिला प्रवक्ता अशोक चौधरी ने कहा कि रेलवे परियोजना से अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की जमीनें भी अधिग्रहित की गई है। लेकिन उन्हें अभी तक उनके लिए जमीन की व्यवस्था नहीं की गई है।

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