उत्तराखंड

बास्केटबल के नेशनल खिलाड़ी रह चुके कय्यूम का निधन

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– पीएसी और पंजाब पुलिस की ओर से नेशनल में खेल चुके थे कय्यूम
रुद्रपुर। बास्केटबल के राष्ट्रीय खिलाड़ी कय्यूम उर्फ नन्हे का निधन हो गया है। नन्हे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उपचार के दौरान उन्होंने उन्होंने अंतिम सांस लीं। पत्नी सहित वह अपनी आठ वर्षीय बेटी को रोता-बिलखता छोड़ गये। पीएसी और पंजाब पुलिस के लिए बास्केटबल खेल चुके नन्हे को कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिल सकी। बास्केटबल के पूर्व नेशनल खिलाड़ी गम्भीर रोग का इलाज कराने में असमर्थ रहे। रोग अधिक फैलने से साढ़े सात फिट लंबा खिलाड़ी बिस्तर पर ही पड़े थे। नन्हे को ईलाज के लिए किसी भी स्तर से बेहतर सुविधा नहीं मिल सकी। अंतिम दिनों में बीमारी के कारण उन्हें दिखना भी बंद हो गया। नया गांव निवासी कय्यूम अली उर्फ नन्हें राष्ट्रीय खिलाड़ी थे। बास्केटबल के मैदान में जब 7 फिट 6 इंच लंबे कयूम उतरते थे तो सामने वाली टीम के पसीने टूट जाते थे। साल 1995 में कय्यूम ने विशाखापट्टनम में नेशनल खेला। इसके बाद अविभाजित यूपी, पंजाब पुलिस की तरफ से प्रतिनिधित्व किया। बाद में हार्मोन्स में परिवर्तन होने से वह बीमार हो गये। उन्हें छह माह दिल्ली एम्स में एडमिट रहना पड़ा था। अस्पताल से बाहर आने के बाद भी वह ठीक से चल नहीं पाये। परिवार चलाने के लिए कय्यूम ने ठेले पर फल तक बेचे। अधिक बीमार होने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कय्यूम को घर के लिये जगह उपलब्ध करायी। प्रशासन ने आवास के लिये सरकारी जमीन उपलब्ध करा दी। जहां वह मकान बनाकर काफी समय से रह रहे थे। लेकिन अभी तक राजस्व विभाग ने जमीन का पट्टा कय्यूम के नाम आवंटित नहीं किया है। वर्तमान में कय्यूम की आर्थिक हालत काफी दयनीय थी। कई रोगों ने उन्हें चपेट में ले लिया था। पेट में गांठ होने पर अपरेशन भी कराया। परिजनों ने उनके इलाज का खर्च उठाया। सरकार की तरफ से नेशनल खिलाड़ी रहे कय्यूम को कोई सुविधा नहीं मिली। हालांकि, क्षेत्रीय विधायक सौरभ बहुगुणा ने कई बार अपने स्तर से सहायता दी, लेकिन जनप्रतिनिधियों व क्षेत्र के लोगों की ओर से की गयी सहायता ईलाज के लिए नाकाफी रही। उनके निधन से अब पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।

 

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