उत्तराखंड

16फरवरी को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान

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देहरादून। उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स समिति के पदाधिकारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर सोलह फरवरी से देशव्यापी हड़ताल करने का ऐलान किया है। इस दौरान एमवी एक्ट, श्रम संहिताएं रद्द करने समेत अन्य मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। हड़ताल की वजह से मालवाहक वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हो सकती है। हड़ताल में आशा, आंगनबाड़ी, बिजली कर्मचारी शामिल होंगे। बुधवार को सीटू, इंटक, एटक पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता की। इस दौरान इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि श्रम कानूनों के स्थान पर चार श्रम संहिताएं बनाई गई हैं, जिसे लागू करने में ट्रेड यूनियनों का विरोध ही आड़े आ रहा है और इसके खिलाफ यह हड़ताल होगी। उन्होंने कहा कि नए मोटरयान अधिनियम बनाने के खिलाफ सारे ट्रांसपोर्टर हड़ताल करेंगे। सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने 21 सूत्रीय मांगों पर प्रकाश डाला। एटक के प्रांतीय महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि वर्तमान में श्रमिकों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है, जिसका श्रमिक विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि ट्रेड यूनियन एक्ट सहित चारों श्रम संहिता वापस की जानी चाहिए और श्रम कानून को प्रभावशाली बनाया जाना चाहिए। सीटू के प्रांतीय महामन्त्री महेंद्र जखमोला ने कहा कि आज स्कीम वर्कर्स से तमाम काम लिए जा रहे हैं। लेकिन काम के बदले उतना वेतन नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये होना चाहिए, उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित करना चाहिए। इंटक के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि सार्वजनिक संस्थाओं का सरकार निजीकरण कर रही है। एटक के प्रांतीय उपाध्यक्ष समर भंडारी ने कहा कि वर्तमान में सरकार साम्प्रदायिकता के सहारे सारे मुद्दों को दबाना चाह रही है। रोडवेज यूनियन के दयाकिशन पाठक ने कहा कि सभी यूनियनों से बातचीत कर उत्तराखंड परिवहन विभाग में भी हड़ताल का समर्थन करेंगे। सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने बताया कि आंगनबाड़ी वर्कर, आशा वर्कर समेत कई यूनियनें हड़ताल में शामिल रहेंगी। वहीं हड़ताल से मालवाहक वाहनों की आवाजाही भी प्रभावित हो सकती है। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय महामंत्री चित्रकला, आशा कार्यकत्री यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिव दुबे, भोजन माता कामगार यूनियन की महामंत्री मोनिका, विद्युत विभाग यूनियन के अध्यक्ष विनोद कवि, दयाकिशन पाठक, वीरेंद्र सिंह नेगी, मामचंद, राजवीर, हिमांशु जितेंद्र पुंडीर आदि मौजूद थे।

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