कोटद्वार-पौड़ी

ग्राम बड़खोलू में प्रशासन से वार्ता विफल, आज करेंगे प्रदर्शन

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बड़खोलू में मोटर पुल में हो रही देरी पर ग्रामीणों ने जताया आक्रोश
सतपुली/कोटद्वार: आश्वासन के बाद भी ग्राम बड़खोलू में मोटर पुल निर्माण नहीं होने पर ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शनिवार को बड़खोलू के ग्रामीणों को सझाने के लिए प्रशासन की टीम भी पहुंची। लेकिन, वार्ता विफल रही। ऐसे में अब ग्रामीणों ने दो अक्टूबर से धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
बता दें कि बड़खोलू में मोटर पुल बनाए जाने को लेकर 2013 में शासनादेश जारी किया गया था। सरकार के पास बजट के अभाव में इस पुल को वर्ड बैंक द्वारा बनाया जा रहा था। लेकिन कोरोना के कारण यह बन नहीं पाया। वहीं, अब पुन: मोटर पुल बानाए जाने को लेकर वर्ड बैंक के पास फ़ाइल को भेजा गया है। लेकिन क्षेत्र वासियों द्वारा इस पुल को बनाने में हो रही देरी को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जिसके बाद क्षेत्रीय जनता द्वारा दो अक्टूबर को सतपुली बांघाट मोटर मार्ग पर बड़खोलू के पास चक्का जाम और धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गई है। ग्रामीणों को समझाने के लिए पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी द्वारा वार्ता के लिए प्रतिनिधि मंडल को भेजा गया। जिसमे अशोक डुकलान बीजेपी मंडल अध्यक्ष कल्जीखाल, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी डी सी नौटियाल, संजय चौहान एई पीडब्ल्यूडी शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने ग्रामीणों को मोटर पुल को बनाने जाने को लेकर ग्रामीणों को जानकारी दी और हो रही देरी के बारे समझाने का काफी प्रयास किया और दो अक्टूबर को किए जाने वाले चक्का जाम और धरना प्रदर्शन को स्थगित किए जाने को वार्ता की। लेकिन ग्रामीण किसी भी आश्वासन को मानने को तैयार नहीं थे। ग्रामीणों ने प्रतिनिधि मंडल की एक भी बात नहीं सुनी और उन्हें वापस लौटा दिया गया। अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी डी सी नौटियाल ने ग्रामीणों को बताया कि पूर्व में पुल की लम्बाई 90 मीटर थी जो अब बढ़कर 135 मीटर कर दिया गया है। जिसके लिए नए रेट के अनुसार डीपीआर बनाने में समय लग रहा है। वर्ड बैंक के द्वारा इसे अपने बजट में रखा गया है, जिसको लेकर कार्यवाही चल रही है। उन्होंने 31 अक्टूबर का समय माँगा है। लेकिन ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि विधायक पौड़ी खुद नहीं पहुंचे और न ही कोई भी सक्षम अधिकारी वार्ता करने पहुंचे हैं। इस मौके पर रणबीर सिंह विष्ट ग्राम प्रधान, महिपाल सिंह राज्य आंदोलनकारी, हरेंद्र सिंह, सुमन प्रकाश नेगी, जंगवीर सिंह बिष्ट, हरेंद्र सिंह(जजू), शशिधर प्रसाद, चैतराम, विजय सिंह, बलबीर सिंह, उमेश सिंह, मालदास, गंगा सिंह, चतर सिंह, सतेंद्र प्रसाद, शकुन्तला देवी, विदु देवी, सतेश्वरी देवी, जीवनी देवी, कुंवारी देवी, हंसा देवी, रेखा देवी, संगीता देवी आदि मौजूद रहे।

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