कोरोना संक्रमण से अधिक जानलेवा है निपाह वायरस, ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक खरीदेगा भारत
नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में निपाह वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। वहीं, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भी इसको लेकर सतर्क हो गया है। कउटफ के महानिदेशक डां. राजीव बहल ने निपाह वायरस को कोरोना से भी अधिक जानलेवा करार दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना से मरने वालों का दर सिर्फ दो से तीन प्रतिशत ही थी, लेकिन निपाह वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 40-70 प्रतिशत का है।
उन्होंने कहा कि भारत में निपाह वायरस के संक्रमण को फैलने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। राजीव बहल ने बताया कि साल 2018 में भारत को ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की कुछ खुराकें मिली थी। हालांकि, अभी 10 मरीजों के लिए इसकी खुराक उपलब्ध है। उन्होंने आगे बताया कि भारत निपाह वायरस संक्रमण के इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया से इसकी 20 और खुराक खरीदेगा। उन्होंने बताया कि भारत में अभी तक किसी को भी इसकी खुराक नहीं दी गई है।
राजीव बहल के मुताबिक, इसकी दवा मरीजों को प्रारंभिक चरण के दौरान दिए जाने की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि केरल में वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी तरह के उपाय किए जा रहे हैं। केरल में इसके मामले सामने आने के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके मामले यहां क्यों आ रहे हैं हम नहीं जानते हैं।
मालूम हो कि केरल में इसके सक्रिय मामलों की संख्या चार हो गई है, जिसके बाद राज्य सरकार ने उन सभी लोगों का परीक्षण करने का निर्णय लिया है, जो संक्रमित व्यक्तियों की संपर्क सूची में हैं। स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज ने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के सैंपल टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद उसमें निपाह वायरस की पुष्टि हुई, जिससे राज्य में कुल संक्रमित लोगों की संख्या छह हो गई, जिनमें से दो की पहले ही मौत हो चुकी है।
श्रीरामजन्मभूमि पर एक ओर दिव्य-भव्य और चिरस्थायी मंदिर का भूतल पूर्णता की ओर है तो दूसरी ओर भगवान के नाम से निर्माणाधीन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का टर्मिनल (मुख्य भवन) भी मंदिर की ही भांति आकार लेने लगा है। एयरपोर्ट के टर्मिनल में सामने छह खंभे लगाए गए हैं। करीब 62 सौ वर्ग मीटर में निर्माणाधीन टर्मिनल में एक वृहद और 12 छोटे शिखर निर्मित किए जाएंगे।
अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]: श्रीरामजन्मभूमि पर एक ओर दिव्य-भव्य और चिरस्थायी मंदिर का भूतल पूर्णता की ओर है, तो दूसरी ओर भगवान के नाम से निर्माणाधीन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का टर्मिनल (मुख्य भवन) भी मंदिर की ही भांति आकार लेने लगा है। एयरपोर्ट के टर्मिनल में सामने छह खंभे लगाए गए हैं।
करीब 62 सौ वर्ग मीटर में निर्माणाधीन टर्मिनल में एक वृहद और 12 छोटे शिखर निर्मित किए जाएंगे। इनका निर्माण पूर्ण होने के उपरांत टर्मिनल दूर से ही मंदिर की भांति दिखाई देगा। अयोध्या का रेलवे स्टेशन भी मंदिर की भांति ही बनाया जा रहा है।
एयरपोर्ट टर्मिनल में छह प्रवेशद्वार बनाए जाएंगे। सभी गेट स्लाइडिंग (आटोमेटेड) होंगे। पूरा परिसर वातानुकूलित होगा। इसके साथ ही दो कनवेयर बेल्ट लगाई जाएंगी, जिसमें एक पर एक्स-रे मशीन भी होगी। इन्हीं कनवेयर बेल्ट से यात्रियों का सामान एयरपोर्ट पर ले जाया जाएगा। एक्स-रे मशीन से सामान की जांच होगी। इस भवन का निर्माण 78 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। अक्टूबर तक इसका निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य है।
वर्तमान समय में 22 सौ मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा रनवे बन चुका है। यहां से एयरबस-ए 320 उड़ान भरने में सक्षम है। सिविल और इलेक्ट्रिकल कार्य पूर्ण होने के बाद नवंबर में एयरपोर्ट अथॉरिटी की स्थानीय इकाई लाइसेंस के लिए आवेदन करेगी।
एयरपोर्ट अथॉरिटी की योजना द्वितीय चरण में 3,125 मीटर व तृतीय चरण में 3,750 मीटर लंबा रन-वे बनाने की है, जिस पर बड़े जहाज भी उतर सकेंगे। टर्मिनल का निर्माण पूर्ण होते ही डायरेक्टर आफ सिविल एविएशन के यहां लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। अक्टूबर माह में टर्मिनल का निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य है।
सुल्तानपुर राजमार्ग पर स्थित डाभासेमर के समीप से एयरपोर्ट आने-जाने का नया फोरलेन मार्ग बन गया है। एयरपोर्ट के लिए दो टैक्सी-वे और एक एप्रेन का निर्माण भी हो चुका है। इस एप्रेन में चार हवाई जहाज खड़े हो सकेंगे। एक आइसोलेशन एरिया भी बनाया गया है, जहां आपात स्थिति में जहाज खड़ा किया जा सकेगा।
हवाई जहाज उड़ाने के लिए इंडिगो व स्पाइसजेट यहां सर्वे कर रही हैं। दोनों कंपनियां रूट के साथ ही समय, यात्रियों की अनुमानित संख्या, रन-वे की स्थिति आदि को जांच-परख रहीं हैं। कुछ और निजी विमानन कंपनियां भी उड़ान के लिए सर्वे की तैयारी में हैं।