इन तीन शब्दों से अब तय होने वाली है कांग्रेस की नई सियासी राह! राहुल ने खुलकर बोला है इस पर
नई दिल्ली, एजेंसी। देश के कुछ नेताओं के फोन में जासूसी को लेकर एक बार मामला फिर से गर्म हो गया है। कांग्रेस की ओर से इस मामले में की गई प्रेस कांफ्रेंस के बाद अब आने वाले चुनाव में उसकी बदली हुई सियासी रणनीति का काफी अंदाजा लगने लगा है। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने जिस तरह से देश के अलग-अलग पार्टी के नेताओं के मोबाइल में जासूसी के लिए लगाई जाने वाली सेंध के आरोपों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसमें “राजा, तोता और उसमें बसी जान” के बारे में जिक्र कर आने वाले चुनावों में अपने मुद्दे का भी इजहार कर दिया। सियासी जानकारों से लेकर कांग्रेस पार्टी के नेता भी मानते हैं कि आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी अब इसी रणनीति के आधार पर सियासत को नई धार देने वाली है।
दरअसल विपक्ष के कई नेताओं ने दावा किया है कि उनके मोबाइल पर फोन निर्माता द्वारा एक संदेश भेजा गया है, जिसमें कहा गया कि उनके फोन में सरकार समर्थित हैकरों द्वारा हैकिंग की कोशिश की गई है। जिन नेताओं ने यह शिकायत की है, उनमें तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा समेत कई नेता शामिल हैं। इसके बाद ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए अदाणी को घेरना शुरू कर दिया। राहुल गांधी ने अपनी कांफ्रेंस के दौरान जिन तीन बातों का महत्वपूर्ण तरीके से कहानी के माध्यम से जिक्र किया उसने “राजा तोता और उसमें बसी जान” शामिल है। कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश कहते हैं कि उनकी पार्टी जितना मुखर होकर अदाणी पर हमला करती है, केंद्र सरकार उसी तरीके से बतौर रिएक्शन सरकारी जांच एजेंसी को शामिल कर उनके नेताओं पर शिकंजा कसती है।
सियासी जानकार भी मानते हैं कि राहुल गांधी ने जिस तरीके से जासूसी के आरोपों की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अदाणी पर हमला बोला है, दरअसल वह आने वाले चुनाव में कांग्रेस के मुद्दों की लाइन लेंथ के हिसाब से की गई बॉलिंग है। राजनीतिक विश्लेषण और वरिष्ठ पत्रकार ओमकार चतुर्वेदी कहते हैं कि राहुल गांधी ने इस कांफ्रेंस के दौरान न सिर्फ अपने नेताओं का जिक्र किया, बल्कि उन सभी नेताओं का हवाला देते हुए उनके फोन में की जाने वाली जासूसी के बारे में खुल पर केंद्र सरकार पर हमला किया। चतुर्वेदी कहते हैं कि अभी तक कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है, जो लगातार अदाणी पर खुलकर हमला कर रही है। जबकि उनके ही गठबंधन में कुछ संगठन ऐसे हैं, जो इस मामले पर चुप्पी साधे हैं। जिस तरह राहुल गांधी ने सभी नेताओं के मोबाइल में भेजे गए सेंधमारी के मैसेज का जिक्र किया उससे कम से कम इस मामले में एकजुटता तो दिख रही है। चतुर्वेदी का मानना है कि राहुल गांधी ने जिस तरीके से मोबाइल में की जाने वाली सेंधमारी के मुद्दे पर आयोजित की गई कांफ्रेंस के दौरान अदाणी पर सबसे बड़ा हमला बोला है, वह आने वाले चुनाव में कांग्रेस का सबसे बड़ा सियासी हथियार बनने वाला है।
राहुल गांधी ने अपने इन तीन शब्दों “राजा, तोता और जान” को लेकर मंगलवार की कॉन्फ्रेंस में जिक्र किया, उससे स्पष्ट होता है कि आने वाले चुनावों में एक बार फिर से अदाणी के मुद्दे पर कांग्रेस अपने सियासी तरकश से यह तीर चलाने वाली है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेता भी मानते हैं कि इस तरीके के मुद्दों के साथ उनकी पार्टी न सिर्फ केंद्र सरकार को पिछले चुनाव में भी घेरती आई है, बल्कि आने वाले चुनाव में और लोकसभा के चुनाव में व्यापक तरीके से केंद्र सरकार का घेराव करेगी। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा कहते हैं कि केंद्र सरकार ने जिस तरीके से अदाणी के माध्यम से देश को लूटने का खाका तैयार किया है, वह बड़ा खतरनाक है। उनका कहना है कि राहुल गांधी ने बुधवार को जो आरोप लगाए हैं, वह शत प्रतिशत सही हैं। उनका कहना है कि बिजली से लेकर रेलवे में जाने वाला जनता का पैसा अदाणी टैक्स के नाम पर जा रहा है।