अब न्याय के लिए नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर

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एएसपी ने आमजन को दी नए कानून की जानकारी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : अपर पुलिस अधीक्षक जया बलूनी ने आमजन को देश में जुलाई से लागू हुए नए कानूनों की जानकारी दी। कहा कि अब पीड़ितों को न्याय के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। भारत को ब्रिटिश शासनकाल में लागू किए गए कानूनों से छुटकारा मिला है। इससे कही न कहीं अपराध पर भी काफी लगाम लगेगी।
सोमवार को आमजन को कानूनों की जानकारी देते हुए एएसपी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पुराने कानूनों में लोगों को न्याय मिलने में देरी हो रही थी। लेकिन, अब नए कानूनों से लोगों को शीघ्र व सुलभ न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। नए कानूनों के लागू होने पर अब इलेक्ट्रानिक मीडिया को शामिल कर दिया है। नए कानूनों में इलेक्ट्रानिक मीडिया को भी साक्ष्यों के रूप में मान्यता दी गई है। कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की बजाय भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) तथा भारतीय साक्ष्य (अधिनयम एवीडेंस एक्ट) की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) कर दिया गया है। कहा कि पहले पुराने कानूनों के तहत अपराधी पर आरोप तय करने में कई दिन लग जाते थे। लेकिन, अब नए कानूनों के तहत तीस दिन के अंदर आरोप तय करना अनिवार्य है। कहा कि नए कानूनों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए पुलिस प्रशासन की तरफ से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति को भी नए कानूनों के बारे में जानकारी मिल सके। इस मौके पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मणिभूषण श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपनिरीक्षक जयपाल सिंह, नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रवीण भाटिया, सुभाष पांडे, मनोज पांथरी, नईम अहमद, कुलदीप रावत मौजूद रहे।

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