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ओमीक्रॉन : केंद्र सरकार ने राज्यों को किया अलर्ट

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-कहा, टेस्टिंग, ट्रेसिंग बढ़ाने के साथ ही कंटेनमेंट जोन पर दिया जाए ध्यान
-वैक्सीन कवरेज में भी तेजी लाने की दी गई है सलाह
नई दिल्ली, एजेंसी : कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन की वजह से पूरी दुनिया दहशत में है। दक्षिण अफ्रीका के बाद अब कई और देशों में भी इस वेरिएंट ने दस्तक दे दी है। जिस देखते हुए भारत में भी केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टेस्टिंग, ट्रेसिंग बढ़ाने के साथ ही कंटेनमेंट जोन पर ध्यान देने और वैक्सीन कवरेज में तेजी लाने की सलाह दी है।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे लेटर में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि राज्यों को कोविड हॉटस्पॉट की निगरानी जारी रखनी चाहिए। मंत्रालय ने कहा है कि एहतियात के तौर पर जिन देशों में यह वेरिएंट पाया गया है, उनकी पहचान जोखिम वाले देशों के रूप में कर ली गई है और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अतिरिक्त उपाय अपनाए जाएं।
माना जा रहा है कि नया वेरिएंट अधिक तेजी से फैलने और इम्यून सिस्टम को मात देने में सक्षम है। इस वजह से कई देशों ने दोबारा यात्रा प्रतिबंधों जैसे उपायों को अपनाना शुरू कर दिया है। बोत्सवाना, हॉन्ग-कॉन्ग, साउथ अफ्रीका के अलावा नया वेरिएंट यूके, ऑस्ट्रेलिया, चेक रिपब्लिक, इटली, जर्मनी, इजराइल और नीदरलैंड में पाया जा चुका है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है, ”यह आवश्यक है कि बीमारी पर निगरानी का नेटवर्क तैयार रहे और सभी देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों खासकर रिस्क कैटिगरी वाले देशों से आने वालों की निगरानी की जाए। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के जरिए आने वाले यात्रियों के पिछले यात्रा विवरण को प्राप्त करने लिए पहले से तंत्र मौजूद है। इसकी आपके स्तर से समीक्षा होनी चाहिए और मंत्रालय की ओर से दिए गए प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए, जिसमें जोखिम वाले देशों से आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच शामिल है। पॉजिटिव पाए जाने वाले सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग की जाए।”
राजेश भूषण ने इस लेटर में टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा है कि पर्याप्त जांच की कमी से संक्रमण फैलाव के सही स्तर की पहचान करना बेहद कठिन है। केंद्र सरकार ने कहा, ”राज्यों को टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ानी चाहिए और टेस्टिंग गाइडलाइंस को सख्ती से लागू किया जाए। कोविड हॉटस्पॉट को निगरानी की जाए, जहां अधिक संख्या में केस आ रहे हों। ऐसे हॉटस्पॉट में टेस्टिंग और पॉजिटिव सैंपल को तुरंत जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजना सुनिश्चित किया जाए। राज्यों को पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम करने के लक्ष्य को भी हासिल करना चाहिए।”

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केजरीवाल ने की अंतरराष्ट्रीय उड़ाने रोकने की मांग
-प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र, कहा-जहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उन देशों से आने वाली उड़ानों को रोकें
नई दिल्ली, एजेंसी : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर उन सभी देशों से आने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रोकने का आग्रह किया, जहां कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में केजरीवाल ने कहा है कि हमारा देश कोरोना से रिकवर हो रहा है। ऐसे में कोविड-19 के नए वेरिएंट को भारत में प्रवेश करने से रोकने के लिए हमे हर जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।
केजरीवाल ने कहा कि यूरोपीय यूनियन समेत कई देश ओमीक्रोन प्रभावित क्षेत्र पर यात्रा प्रतिबंध लगा चुके हैं। विनती है कि इन क्षेत्रों के लिए फ्लाइट्स पर रोक लगाई जाए। अगर इसमें देर की जाती है तो वह नुकसान पहुंचा सकता है।

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ओमीक्रोन : बचाव उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता
-केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में बुलाई गई आपात बैठक
नई दिल्ली, एजेंसी : कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से स्थिति की समीक्षा किए जाने के बाद केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में रविवार को आपात बैठक बुलाई गई। गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप के मद्देनजर वैश्विक स्थिति की समीक्षा की गई। साथ ही बचाव उपायों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, विशेष रूप से ‘जोखिम’ श्रेणी के रूप में पहचाने गए देशों से आने वालों की जांच, निगरानी पर एसओपी की समीक्षा करेगी। गृह मंत्रालय ने यह भी फैसला किया है कि कोविड-19 के स्वरूप के लिए जीनोम निगरानी को और मजबूत और तेज किया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि वैश्विक हालात को देखते हुए कमर्शियल अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए तय तिथि की फिर समीक्षा की जाएगी। जांच प्रोटोकॉल की सख्त निगरानी के लिए हवाई अड्डे और समुद्री बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को संवेदनशील बनाया जाएगा। वहीं, देश के भीतर महामारी की उभरती स्थिति पर कड़ी नजर रखने का फैसला किया गया है।

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