पुण्य तिथि पर उलोवा ने किया ‘गिर्दा का भावपूर्ण स्मरण
अल्मोड़ा। प्रसिद्ध जन कवि स्व. गिरीश तिवारी ‘गिर्दा की रविवार को 11वीं पुण्य तिथि पर उलोवा ने उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। लडते रया भुला हम लडते रौलो जन गीत गाकर गिर्दा को श्रद्धांजलि दी। रंगकर्म के क्षेत्र में गिर्दा के योगदान को याद किया गया। इस मौके पर आयोजित गोष्ठी में उत्तराखंड के सुलगते सवालों पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि गिर्दा के गीतों ने उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार किया। गिर्दा राज्य के सभी आंदोलनकारी ताकतो के बीच सेतु का कार्य करते रहे। लेकिन आज भी सपनों का उत्तराखंउ नही बन पाया हैं। कहा कि राज्य बनने के बीस सालों मे शिथिल भू-कानूनों के चलते जमीनों पर सबसे अधिक दबाव उत्तराखंड मे ही पड़ा है। पूरे देश में केवल उत्तराखंड ही एकमात्र पर्वतीय राज्य है, जहा भू कानून सिथिल है। राज्य मे रोजगार पलायन का मुद्दा प्रमुख है। कहा कि आज पलायन के चलते गांव के गांव उजड़ गये है। अध्यक्षता एड. जगत रौतला ने की। यहां उलोवा के महासचिव पूरन चंद्र तिवारी, प्रवक्ता दयाकृष्ण कांडपाल, कृणाल तिवारी, अजय मित्र सिंह बिष्ट, अजय मेहता, रेवती बिष्ट, शमशेर जंग, विशन दत्त जोशी, जंगबहादुर थापा, हारिस मुहम्मद आदि मौजूद रहे।