उत्तराखंड

वाहनों की फिटनेस जांच का काम निजी संस्थान को देने का विरोध

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हरिद्वार। व्यवसायिक वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र का काम निजी कंपनी को देने के खिलाफ टैक्सी मैक्सी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में प्रदर्शन किया। साथ ही वाहनों का पंजीयन दस वर्ष में निरस्त करने के फैसले का भी एसोसिएशन ने विरोध किया है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखे ज्ञापन की प्रति सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में सौंपी। व्यवसायिक वाहनों को फिटनेस अभी तक एआरटीओ में होती थी। लेकिन सरकार ने फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने की जिम्मेदारी अब निजी संस्थान के हाथों में सौंप दी है। अब सभी व्यवसायिक वाहन मालिकों को अपने वाहनों के फिटनेस की जांच निजी संस्थानों से करानी होगी। टैक्सी मैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश भाटिया का कहना है कि इसके अतिरिक्त दस वर्षों में वाहनों के पंजीयन निरस्त करने का फैसला भी सरकार ने लिया है। उनका कहना है कि दोनों फैसले ही वाहन मालिकों के खिलाफ हैं। एसोसिएशन के सचिव संजय शर्मा और कोषाध्यक्ष इकबाल सिंह ने कहा कि राज्य की सभी यूनियन को एक साथ जोड़कर सरकार के फैसले का विरोध किया जाएगा। सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में विरोध करने वालों में हरीश भाटिया, सुनीन जायसवाल, राजीव अग्रवाल, रणजीत सिंह, जगलाल गुप्ता, अरविंद खनेजा, सोम प्रधान, पंकज गुप्ता, दीपक कुमार, विजय शुक्ला, मुकेश मनोचा, कुलदीप ग्रोवर, धर्मपाल शर्मा, बलबीर, दिनेश आदि मौजूद रहे। एआरटीओ रश्मि पंत का कहना है कि सरकार के फैसले के अनुसार विभाग कार्रवाई कर रहा है।

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