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निजी अस्पतालों में अधिक रकम वसूली पर कार्रवाई के आदेश

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नैनीताल। कोरोना संक्रमण के बीच पर्यटन प्रदेश की खराब हुई साख और बदइंतजामी पर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य और पर्यटन सचिवों को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कोविड डेथ ऑडिट रिपोर्ट पेश नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए अधिक रकम वसूली की शिकायतों पर निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। अदालत ने 16 जून को होने वाली अगली सुनवाई पर पर्यटन सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पर्यटन सुधार के साथ चारधाम यात्रा रोडमैप पेश करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य सचिव को अस्पतालों में वेंटीलेटर, आईसीयू, जीवनरक्षक दवाओं समेत कोविड से जुड़ी हर स्वास्थ्य जरूरत का ऑडिट रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खण्डपीठ ने बुधवार को प्रदेश में क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि राज्य में जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। हर जिला अस्पताल को कोविड के लिए जरूरी वेंटिलेटर, आईसीयू सहित हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराएं। ग्राम स्तर पर भी आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अदालत ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों पर भी चिंता जताई और सरकार से जरूरी दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि लोगों में कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए सरकार सेलिब्रिटीज की मदद ले।

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