लंबित मांगों को लेकर उत्तराखंड जल संस्थान संविदा कर्मियों का प्रदर्शन
अल्मोड़ा। उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ ने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। संगठन ने कहा जल्दी सुनवाई नहीं होने पर नियमित तौर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। सोमवार को संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इसमें ठेकेदारी प्रथा खत्म करने तथा विभागीय संविदा और आउटसोर्स व्यवस्था से नियुक्ति देने की मांग की। वहीं, साप्ताहिक अवकाश के साथ ही समान काम समान वेतनमान देने और राजकीय अवकाश में काम करने का अतिरिक्त मानदेय देने की मांग की गई है।
भिकियासैंण में जल संस्थान दफ्तर किया प्रदर्शन
भिकियासैंण। उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ कुमाऊ मंडल शाखा रानीखेत ने जल संस्थान कार्यालय भिकियासैंण के सामने धरना-प्रदर्शन किया। इस मौके पर सभा कर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पांच सूत्रीय मांगों के निराकरण की मांग को लेकर ज्ञापन भेजा।
सोमवार को जलसंस्थान कार्यालय परिसर में भिकियासैंण, रानीखेत, स्याल्दे क्षेत्रों के श्रमिकों ने अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। वक्ताओं ने कहा ढाई दशक से कई श्रमिक विभाग में न्यून मानदेय पर सेवा दे रहे हैं। लेकिन कभी भी विभाग ने उनके हितों का ध्यान नहीं रखा है। हमेशा उनके साथ सौतेला व्यवहार होता आया है। धरने के बाद तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में श्रमिकों को ठेकेदारी माध्यम के बजाय विभागीय संविदा, आउटसोर्स व्यवस्था के तहत नियुक्ति देने, साप्ताहिक अवकाश देने, समान काम समान वेतनमान देने, राजकीय अवकाश में काम करने का अतिरिक्त मानदेय देने की मांग की है। यहां संघ के कुंमाऊ मंडल महामंत्री गणेश नाथ, शाखा अध्यक्ष केवलानंद मठपाल, कामरेड आनंद नेगी, बाणनाथ सोसाइटी अध्यक्ष बालमनाथ, एडवोकेट विक्रम मावड़ी, तुला सिंह तड़ियाल, हिमांशु, गोपाल सिंह, उमेश चंद्र, राजे सिंह, बलवंत सिंह, हंसादत्त पांडेय, अमर सिंह, बालम सिंह आदि रहे।
चौखुटिया में एसडीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा
चौखुटिया। उत्तराखंड जल संस्थान में पिछले 20-25 वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मियों को नियमित नियुक्ति देने और विभागीय संविदा उपनल में समायोजित किए जाने की मांग की। मामले में श्रमिक संगठन के सदस्यों ने तहसील मुख्यालय पहुंचकर एसडीएम के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा। लंबे समय से जल संस्थान मैं कार्यरत श्रमिकों ने अपने पांच सूत्री मांगों में मुख्य रूप से कहा 20 -25 वर्षों से ठेकेदार के माध्यम से कार्य कर रहे श्रमिक अपनी आयु सीमा पार कर चुके श्रमिकों को विभाग अनुसार सुविधा देने, साथ ही लंबे समय से विभाग में कार्य कर रहे इन श्रमिकों को आठ हजार प्रतिमाह भुगतान देने के साथ इनके बच्चों के स्कूल ट्यूशन कोचिंग फीस की पूर्ति भी सरकार द्वारा की जाए। शासनादेश के अनुरूप बोनस फंड देने की मांग के अलावा प्रति सप्ताह में 1 दिन का अवकाश और बच्चों के भरण-पोषण ट्यूशन इसके लिए अतीत खर्चा देने की मांग की गई है। यहां संगठन के अध्यक्ष दीपक पाठक उमेश चंद्र माचीवाल, भगवत सिंह, शंकर बिष्ट, महेश सिंह, शरण सिंह, प्रह्लाद सिंह, शंकर जोशी आनंद सिंह, उमेश, शंकर जोशी आदि रहे।