Uncategorized

भारत से लोगों के आने पर रोक के खिलाफ दायर याचिका ऑस्ट्रेलियाई अदालत में हुई खारिज

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

मेलबर्न । सिडनी की एक अदालत ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा कोविड-19 से प्रभावित भारत से आने वाले यात्रियों पर अस्थायी रोक लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। यह याचिका बेंगलुरु में फंसे 73 वर्षीय एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने दायर की थी। मामले की पहली सुनवाई में न्यायमूर्ति थॉमस थॉवले ने कहा कि कानून जैव सुरक्षा आपात स्थिति को देखते हुए बनाया गया है और भविष्य में इसके खतरे की जानकारी नहीं है। न्यायमूर्ति ने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सोचा कि और लोगों के प्रवेश को रोकने से ऑस्ट्रेलिया के पृथकवास संबंधी प्रयास को राहत मिलेगी, यहां तक उन लोगों को रोकने से जो परोक्ष रूप से ट्रांसजिट केंद्रों के जरिये आ रहे हैं।’’ गैरी न्यूमैन की ओर से पिछले सप्ताह दाखिल आवेदन में स्वास्थ्य मंत्री ग्रेग हंट द्वारा पिछले महीने जैव सुरक्षा अधिनियम के तहत की गई आपात घोषणा को रद्द करने का अनुरोध किया गया था। न्यूमैन पिछले साल मार्च से ही बेंगलुरु में फंसे हुए हैं। उन्होंने प्रतिबंध को ‘असंवैधानिक’ करार दिया है। उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा यात्रा प्रतिबंध की घोषणा पिछले सोमवार को लागू हुई थी और इसमें गत 14 दिनों तक भारत की यात्रा कर स्वदेश लौटने पर पांच साल कारावास या 66 हजार डॉलर का जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है। सरकार के मुताबिक अस्थायी रोक का उद्देश्य भारत में कोविड-19 महामारी के चलते यहां जन स्वास्थ्य खतरे को कम करना है। इस फैसले की ऑस्ट्रेलिया में बड़े पैमाने पर आलोचना हुई है। ऑस्ट्रेलियाई-भारतीय समुदाय ने भी इसका विरोध किया। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने गत शुक्रवार को घोषणा कीयह पांबदी 15 मई को हटा ली जाएगी और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को भारत से वापस लाने के लिए विशेष उड़ानों का प्रबंधन किया जाएगा।
00००

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!